सरकारी अध्यापक क्या है?और इनके कार्य क्या है?
सरकारी अध्यापक एक अवतार है।
उनके दस हाथ और चार दिमाग होते हैं।
वो सभी विषय सभी कक्षाओं मे एक साथ पढा सकते हैं।
वो सभी बच्चों को खाना खिला सकते हैं वो भी हिसाब लिखकर घर पर माँ भी खाना तो खिलाती है पर हिसाब नही रखती कि मेरे लाल ने आज 100 ग्राम खा लिया और बाद मे क्या बचा।
वो बच्चों का डाॅक्टर भी है कि बच्चे के पेट मे कीड़े तो नहीं?
कहीं आयरन की कमी तो नहीं? और वो इसके लिए टेबलेट भी खिलाते हैं।
वो बिल्डर भी हैं, विद्यालय संम्बंधित भवन बनवाता है।
वो एक अकाउंटेंट भी हैं कैश बुक लिखता है।
वो एक लिपिक भी है जो दिन भर अपनी आत्मा को मारकर डाक पीटता है।
वो एक मार्केटिंग करने वाला भी है क्योंकि जिस बच्चे को घर वाले नही पढाना चाहते या जो बच्चा पढ़ना नही चाहता उसे विद्यालय लाने का जतन करते हैं।
वो एक ऐसी गाय है, जो भी आएगा उसका दूध निकाल ले जाएगा, वो गाय जिसके सिंग काट दिए गए हैं।
वो चित्रगुप्त भी है उसे घर घर में 6 साल के बच्चों का पता होता है, 18 साल वालों का भी पता होता है, आगमन वाले पलायन वाले सभी।
वो जनगणना भी करते हैं।
वो निर्वाचन आयोग के लिए वोट भी बनाता है।
देश के सभी चुनाव भी इन्ही के जिम्मे होते हैं
आजकल तहसीलदार भी बन गए हैं जाती प्रमाण पत्र भी बनाते हैं।
इसके वावजूद भी लोग कहते हैं कि मुफ्त का वेतन लेता है।
अब नया कार्य बच्चों के आधार कार्ड बनाने का भी मिल गया है।
प्रार्थना है कुछ छुट गया हो तो आप लोग लिख लेना डायरी मे आगे वाली पीढ़ी जानेगी कि डायनासोर के बाद एक जीव और आया था धरती पर
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