साथियों, प्रदेश के मुख्यमंत्री जी शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु संकल्पित होते हुए अध्यापकों की हर समस्या का निदान करना चाहते हैं, उसके प्रतिफल स्वरूप प्रदेश का अध्यापक भी पूरे प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता सुधार हेतु विद्यालय समय के अतिरिक्त नि:शुल्क कोचिंग के माध्यम से अपना योगदान देने को आतुर है, किंतु प्रदेश में प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा की जा रही अध्यापकों की उपेक्षा का उदाहरण रीवा से बेहतर शायद ही कहीं मिले, जहाँ आज तक किसी सहायक अध्यापक, अध्यापक को क्रमोन्नति /पदोन्नति नसीब न हो सकी । इस हेतु सभी प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों से आजाद अध्यापक संघ रीवा कई बार मौखिक /लिखित अनुरोध कर चुका किंतु बदले में आश्वासन के शिवाय कुछ हासिल न हुआ, जिसके परिणाम स्वरूप आजाद अध्यापक संघ रीवा को नेता जी सुभाष चंद्र बोस जयंती 23.1.2016 से आमरण अनशन जैसे निर्णय के लिए बाध्य होना पड़ा । आजाद अध्यापक संघ "अध्यापक हित सर्वोपरि " के सिद्धांत को साथ लेकर हमेशा से संघर्षरत है, इसी कड़ी में रीवा के अध्यापकों के हितार्थ आजाद अध्यापक संघ द्वारा किए जा रहे आमरण अनशन में आजाद अध्यापक संघ म. प्र. की प्रत्येक जिला इकाई से लेकर प्रांत की टीम आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन करेगी ।
जय आस
जय विश्वास
विजय तिवारी (प्रदेश उपाध्यक्ष )
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