हे पार्थ, तुम इस महीने के पोषाहार की चिंता छोड दो। तुम पिछले इन्क्रीमेंट का पश्चाताप मत करो । तुम अगले प्रमोशन की चिंता भी मत करो । तुम ट्रान्सफर का मोह त्याग दो। बस अपनी करंट पोस्टिंग से ही प्रसन्न रहो। तुम जब नहीं थे, तब भी ये स्कूल चल रहा था, तुम जब नहीं होंगे, तब भी ये स्कूल चलता रहेगा। जो स्टाफ रूम की कुर्सी आज तुम्हारी है, कल किसी और की थी। वो कल किसी और की होगी। तुम इसे अपना समझ कर मगन हो रहे हो । यही तुम्हारे समस्त दुखों का कारण है।।
प्रमोशन, इन्क्रीमेंट,ट्रान्सफर जैसे शब्द अपने मन से निकाल दो। फिर तुम इस स्कूल के और ये स्कूल तुम्हारा होगा।।
आज के दोहे
1.
मास्टर,मास्टर पे सौ गुनी अपनी धाक जमाए ।
पाकर एनपीआरसी की कुर्सी ,सब धाकड़ हुए जाएं ।।
2.
हर जिले में अधिकारी , दुई घंटा टाइम बढाए ।
पाँच में जो न हो पाई , दुई में कैसे हुई जाए ।।
3.
खबरी अपनो राखिए , BRC में सेंध लगाए।
ज्यों चले कोई स्कूल चेक करने , पक्का पता चल जाए।।
4.
अधिकारी खड़ा मीटिंग में , माँगे सूचना का ढेर ।
और जा ने सूचना न दई, न समझो उसकी खैर ।।
5.
कमीशन इतना दीजिए , जा में जेब भर जाए ।
मैं भी भूखा न रहूँ , ऑडिटर संतुष्ट हुई जाए ।।
6.
मास्टर करे न नौकरी , शिक्षामित्र करे न काम ।
अधिकारी अबकि कह गए , समायोजन में तेरा नाम ।।
7.
नियमावली पढ़ पढ़ मास्टर हुआ , लाभ मिला न कोए ।
और जा ने चढ़ावा चढ़ा दओ , तारीफ़ वाय की होए ।।
8.
कल पढ़ाए, सो आज पढ़ा,आज पढ़ाए सो अब ।
पल में BLO बन जाएगा , कोर्स करेगा कब ।।
9.
हेडमास्टर पूजे फर्जी छुट्टी मिले , तो मैं पूजूँ दस बार ।
तासे तो मेडिकल भलो , मिले छुट्टी अपार ।
10.
नौकरी , परिवार दोऊ खड़े, किस जनपद में जाएँ ।
बलिहारी जुगाड़ आपको , ट्रांसफर दिओ कराए ।।
11.
छुट्टी की जल्दी सब करें , स्कूल खोलने की करे न कोय ।
जो टाइम पर स्कूल खुले तो , तो एब्सेंट काहे को होय।
12.
चावल कच्ची देख के , दिया मास्टर रोये ।
दो रसोइयन के बीच में , मास्टर बचो न कोय ।।
13.
मंदबुद्धि ढूँढन मैं चला , मंदबुद्धि मिला न कोय ।
जो I.Q. जाँचा आपणा , मुझसे मंदबुद्धि न कोय ।।
14.
M.D.M. कहे मास्टर से , तू क्या खाएगा मोहे ।
एक दिन ऐसा आएगा , मैं खा जाऊँगा तोहे
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