🇮🇳 सादर वन्दें मित्रों
आज गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को, गणतंत्र दिवस बहूत-बहूत बधाई व असीम शुभकामनाएं।
जब सूरज की प्रातःकिरण के साथ राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा,और हमारा शिश गर्व से ऊॅचा हो जाता है।आजादी के लगभग तीन वर्षों के बाद कई संशोधनो के पश्चात हमारे संविधान को सन् 1950 मे बनाकर तैयार किया गया और जनवरी की तारिख 26 को इसे सम्पूर्ण देश मे लागू किया गया।
यह हमारे लिए बडे ही हर्ष का विषय हैं, की हम संसार के सबसे बडे सम्प्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के नागरिक और अंग हैं। मित्रों संविधान के निर्माण के साथ हमे हमारे अधिकार मिले हैं।किन्तु इन्ही अधिकारों के साथ-साथ हमारे कर्तव्य भी जूडे हुऐ हैं, मित्रों अधिकार और कर्तव्य एक ही विषयवस्तु के दो पहलू हैं, किसी एक की अवहेलना करके दूसरे को प्राप्त करना सम्भव नही।
भारत कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरूणोदय अरूणाचल तक एक हैं ।विभिन्न मतावलंम्बी है हमारे देश मे,,तो मतों और विचार धाराओ मे विभिन्नता का होना स्वभाविक हैं, और यह हमारी शक्ति हैं।
मित्रों हमारा आशय् यही हैं की, हमारे इतने विशाल राष्ट्र मे, सत्ता के खेल बनते और बिगडते है, सरकारें आती हैं और जाती हैं,।लेकिन हमारा लोकतंत्र अमर रहैं, हमारा गणतंत्र अमर रहैं।
और साथ मे हमारी साॅझी सभ्यता व संस्कृति, हमारी सहिष्णुता, भाईचारा, आपसी प्रेम और सबसे बढकर हमारा राष्ट्र प्रेम अमर रहना चाहिए।
यह हमारी परम्परा रही हैं, हमारी प्रकृति रही हैं के, लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए हम सदैव आगे बढे हैं।और ऐसी समस्त बाधाओ और रूकावटें जो राष्ट्र के विकास मे बाधाएं पॅहूचाते हैं, उन्हे विवेक सम्मत उपायों से दूर करने की शक्ति भी हमारे मे विध्मान हैं।
आज हम ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, अंतरिक्ष, और उत्पाद, निर्माण, सेवा, और अर्थ-जगत के विभिन्न क्षेत्रों मे विश्व के अग्रणी राष्ट्रों की पंक्ति मे खडे हो रहै है।
मित्रों राष्ट्र के निर्माण और उसके विकास मे हम सभी अपने-अपने स्तर पर रहते हुए अपना-अपना योगदान दे सकते हैं, और हमारा यह योगदान निश्चित रूप से
भावी जीवन के लिए अनमोल होगा।
आइयें मित्रों हम अपने सजग कर्तव्यों के पालन के माध्यम से अपने समाज, अपने राष्ट्र के उत्थान व विकास मे योगदान सुनिश्चित करें।
जय हिन्द🇮🇳
जय भारत🇮🇳
वन्दें मातरम्🇮🇳
आपका मित्र
जय.एन. पंवार
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