एक बात तो तय है कि आदेश 29 जनवरी के बाद ही होगे चाहे उन आदेशो का परिणाम कैसा भी हो।उससे पहले नही उसके बाद ही प्रसारित होगे।क्योकि कुछ संघीय पदाधिकारियो ने माननीय मुख्यमंत्री जी से चर्चा का समय 29 जनवरी का लिया है।शायद उन्हे पता हो कि इससे पहले आदेश नही हो सकते।
इन सब बिंदुओ का निष्कर्ष निकालने के बाद केवल एक ही विकल्प हमारे सामने है।कि 25 जनवरी तक विसंगति रहित आदेश न निकलने की स्थिति में रैली निकाली जाये।आंदोलन किया जाये।इसके बाद सरकार वार्ता का प्रस्ताव रखेगी ।लेकिन हमारा लक्ष्य वार्ता न होकर केवल आदेश ही निकले ऐसा हो।जब तक आंदोलन जारी रहे।क्योकि इतिहास साक्षी है ।आज तक हमें जो भी मिला है।वो सरकार पर दबाब बनाने के कारण ही मिला है।
इसलिये सभी संघीय पदाधिकारियो को राजनैतिक छल कूटनीतिक कपट श्रेय लेने की महत्तवाकांक्षा छोड़कर अध्यापकहित में संयुकत मोर्चा के बैनरतले पूरी ताकत के साथ आंदोलन में आगे आये ।शायद तभी सार्थक परिणाम आ सकते है।
तो आईये हम सभी संगठित होकर राग,द्वेष ,छल,कपट छोड़कर संयुक्त मोर्चा का जयकारा लगाते हुये अपने अधिकार पाने के लिये हिम्मत और होंसलों की उड़ान भरते हुये अपनी मंजिल पाये।सफलता निश्चित ही हमारे कदम चूमेगी।क्योकि एकता में शक्ति निहित होती है।
संयुक्त मोर्चा जिंदाबाद ,अध्यापक एकता जिंदाबाद
"शत्रु प्रबल कितना भी हो मरने से वह भी डरता है,
सीधे सींगों वाले पशु का कौन सामना करता है,
तूफानी हर लहर सदा चट्टानो से लड़ हारी होगी,
कुछ बनना कायर मत बनना अंतिम विजय तुम्हारी होगी"
वे हमीं तो है कि एक हुंकार से लालघाटी कांपी,
वे हमीं तो है जिन्होने सी एम हाउस की दूरी नापी,
और वे भी हम जिनके प्रताप से,चन्द्रगुप्त हो गया विश्वव्यापी"
No comments:
Post a Comment