सर्वशिक्षा अभियान का आखिरी घंटा बज गया। 31 मार्च को अभियान पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने अब इस अभियान के तहत आर्थिक मदद नहीं देने का फरमान भेज दिया है। केंद्र सरकार ने पूछा है कि 31 मार्च तक कितनी रकम और खर्च हो पाएगी? मौजूदा समय में जिले में इस योजना के तहत कितनी धनराशि शेष बची है। अधिकांश बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। विभागीय कर्मचारी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए है।
राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक ने इस संबंध में महकमे को सूचित कर दिया है। निदेशक ने परियोजना के स्टाफ को बेसिक शिक्षा में मर्ज करने का निर्देश भी दे दिया है। जिले में अब तक कितना काम हुआ, इसकी प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट को जनवरी के अंत तक तक निदेशालय भेजने के निर्देश हैं। पिछले बारह साल से जिले में संचालित सर्व शिक्षा अभियान के तहत लाखों बच्चों को शिक्षित करने की अलख जगाई गई है। अब इस अभियान के बंद हो जाने प्राथमिक शिक्षा का पूरा दारोमदार शिक्षा विभाग के कंधों पर ही आ जाएगा। वर्ष 2001 से शुरू हुए सर्व शिक्षा अभियान के तहत कुल कितनी धनराशि खर्च हुई है। इसका विवरण बनाने में कर्मचारी जुट गए है
क्या है सर्वशिक्षा अभियान?
सर्व शिक्षा अभियान जिला आधारित एक विशिष्ट विकेन्द्रित योजना है। इसके माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा का सार्वभौमीकरण करने की योजना है। इसके लिए स्कूल प्रणाली को सामुदायिक स्वामित्व में विकसित करने रणनीति अपनाकर कार्य किया जा रहा है। यह योजना पूरे देश में लागू की गई है और इसमें सभी प्रमुख सरकारी शैक्षिक पहल को शामिल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्यों की भागीदारी से 6-14 आयुवर्ग के सभी बच्चों को 2010 तक प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था।
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