कुछ अनुत्तरित प्रश्न--
जिनके जबाब शायद आपके पास हो-
1. 17 वर्षो में आज तक कोई संक्षेपिका आउट नही हुई और इस बार आउट केसे हो गई..वो भी बिना किसी अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर बिना??
2. कुछ नेताओ को खाली जेब स्वागत करने की इतनी उतावली क्यों है??
3. क्या किसी यात्रा से शिक्षा की गुणवत्ता बड़ाई जा सकती है??
4. कुछ नेता बयान दे रहे है की आदेश विसंगति रहित होंगे तो सुबह से शाम तक अलग अलग लोगो को ज्ञापन क्यों सौंपते फिर रहे है??
5. क्या अभी तक किसी नेता ने ऐसा कोई चमत्कार किया है की लोग उसको बुलाकर उसका सम्मान करे?? यदि नही तो जो सम्मान हो रहे है वो प्रायोजित तो नही??
6. क्या स्कूली पढाई के विरुद्ध कोचिंग से गुणवत्ता बढेगी या घटेगी?? कल तक गुर्राने वाले अचानक कोचिंग खोलने पर डिस्कस केसे करने लगे??
7. जिन लोगो ने पिछले 17 सालो में कुछ नही किया और परिणाम शून्य ही रहा वो अचानक से केसे सक्रीय होकर अध्यापक हितेषी हो गए कही ये कोई नई पालिसी तो नही जो ये हितेषी होने का दंभ भरने लगे है??
8. 90% स्कूल बंद करने की खबर झूठी भी तो हो सकती है क्युकी अचानक से ऐसी बड़ी खबर किस गलियारे से बाहार आ गई?? क्युकी जहाँ आग होती है वहां थोड़ी बहुत आंच तो उठती ही है??
9. क्या बिना गेर शैक्षणिक कार्यो को समाप्त किये शैक्षणिक गुणवत्ता कोचिंग और यात्रा से बड़ाई जा सकती है??
10. पिछले 3 महीनो से जो नेता बिना किसी परिणाम के लगातार दौरे और यात्रा कर रहे है क्या कभी उन्होंने अपने स्कूल के बच्चो की गुणवत्ता की चिंता की जो प्रदेश की चिंता में दुबले हो रहे है?? क्या होगा उनके स्कूल के बच्चो का?? जबकि पिछले 2 महीने से कोई आन्दोलन नहीं हुआ है??फिर नेता जी किस जुगाड़ में इधर उधर डौल रहे है??
11. जब सभी संवर्गो को आन्दोलन में शामिल किया गया था एवम सभी का लगभग वेतन कटा तो फिर अभी तक उनके कटे वेतन व मांगो के लिए कोई ठोस कदम क्यों नही उठाये गए?? और यदि इन शोषित साथियो ने अपने हक़ की बात इन नेताओ के समक्ष रखी तो इनको भला बुरा क्यों कहा गया??
12. क्या ये सच है और ऐसा सुनने में आया है की जो यात्रा चल रही है उसके समापन के बाद आदेश प्रसारित किये जायेगे??
ये समस्त प्रश्न आजकल मिडिया पर देखने और सुनने को मिल रहे है क्या आपके पास इनका कोई जबाब है तो जरुर दीजिये-
आपका आम अध्यापक साथी
मुश्ताक खान
भोपाल।
आरिफ़ खान
छिन्दवाडा !
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