अध्यापक संवर्ग को घोषित संक्षेपिका के अनुसार छंटवा वेतनमान में अनेक विसंगतियां होने से मुख्यमंत्री द्वारा दी गई ख़ुशी काफूर हो गईं हैं।आदेश के पूर्व विसंगतियों को सुधरवाने एवं अन्य मांगों पर समय सीमा में आदेश जारी कराने के उद्देशय से जिला कलेक्टरों के माध्यम से 27 जनवरी 2016 को ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे।
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प्रति
श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय जी
मध्यप्रदेश शासन भोपाल
द्वारा-श्रीमान जिलाधीश महोदय जी
जिला............. म.प्र.
विषय-अध्यापक संवर्ग को प्रस्तावित छंटवे वेतनमान की विसंगतियों एवं अन्य मांगों के निराकरण उपरांत आदेश जारी करने बावत। महानुभाव,
सविनय निवेदन है कि अध्यापक संवर्ग को प्रस्तावित छंटवे वेतन की संक्षेपिका अनुसार विसंगतियां एवंअन्य मांगें निराकरण हेतु सादर प्रस्तुत हैं।
1-अध्यापक संवर्ग को शिक्षा विभाग में समविलियन किया जाये।
2-अध्यापक संवर्ग को छंटवा वेतनमान, अंतरिम राहत देय अवधि सितंवर 2013 से ग्रेट पे 2400,3200,3600 के वेतन बेंड 7440,9300,10230,मे पूर्व कार्यकाल की प्राप्त/स्वीकृत कर,वेतन व्रद्धियाँ सम्मिल्लित कर गढ़ना की जावे,
पदोन्नति एवं क्रमोन्नति पर शिक्षक संवर्ग अनुसार वेतन निर्धारण किया जावे।
सितंवर13 से अंतरिम राहत के विसंगतिपूर्ण भुगतान को संशोधन करते हुए अंतरिम राहत राशि का समायोजन किया जाये,वसूली निरस्त की जावे। मांग अनुसार उक्त लाभ दिसम्वर 2015 से स्वीकृत किया जावे।
3-अध्यापक संवर्ग को स्वेच्छिक स्थानांतरण निति अबिलम्ब लागू की जावे।
4-अध्यापक संवर्ग को समूह बीमा योजना,पेंशन परिवार पेंशन,ग्रेच्युटी का लाभ दिया जावे।
5-अध्यापक संवर्ग के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों को शिथिल किया जावे।
6-माननीय न्यायालय के निरण्य अनुसार AEOकी नियुक्ति की जावे।
7-वरिष्ठ अध्यापक को प्राचार्य हाईस्कूल बनाया जावे।
8-अंशदायी पेंशन की कटौती कोषालय से की जावे,पूर्व माहों की गुमशुदा अंशदान की राशि जमा कराई जावे।
9-संविदा अवधि 1वर्ष कर,मेंहगाई अनुसार मानदेय में व्रद्धि की जावे।
10-संविदा शिक्षकों एवं गुरुजियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्टता प्रदान कर पूर्व कार्यकाल की वेतन व्रद्धियाँ स्वीकृत की जावें।
11-अन्य कर्मचारियों की भांति अनुग्रह राशि 50 हजार की जावे।
12-अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर संविदा शिक्षक बनाया जावे।
श्रीमान जी से आग्रह है कि अधिकारी वर्ग ने अन्य मांगों एवं वेतनमान आपकी मंशा एवं शासन के नियमानुसार निर्धारण नहीं किया है, जिससे आमतौर पर असन्तोष व्याप्त है।
अत उक्त मांगों एवं विसंगतियों के निराकरण उपरांत ही आदेश जारी कराने की कृपा करें।
सेवर्पित
निवेदक
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