आस, सास, रास लड़े,लड़े थे कई संघ
एक सुनी आवाज जो अपनों की हो गए हम भी संग।
हो गए हम भी संग मिलके बोला हमला
ना रूकेंगे ना झुकेंगे निकला केवल जुमला।
आस ने भी आश तोड़ी दोहराया इतिहास
भरत भाई भी हो गए c.m. के खास।
पाटीदार-2 रिलीज़ हो गयी हुआ मुनाफा भारी
पर्दे के पीछे जो घटा संविदा को पड़ा है भारी।
दगा किसी का सगा नही ये आदेश तुम्हें बता देगा
जल्दी ही तुमको फिर हमसे मिलवा देगा।
पर तब तक मतभेद हमारे कही मनभेद में न बदल जाये
अध्यापकों के 11 दल कही दल दल न हो जाये।
मै फिर कहता हूँ अपने निर्णय पर पुनर्विचार करो
जो चले कदम मिलाकर संग संग ना उन पर अत्याचार करो।
जिसे शून्य समझ बैठे हो उसका भी मतलब होता है
जिसके साथ भी हो जाये मूल्य दस गुना तब होता है।
मै संविदा हूँ इसलिये मेरी तो बस अर्जी है
आप वरिष्ठ है सो आगे आपकी मर्जी है।।
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