जब तक अतिथि शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सूखा!!
मा.शिवराज सरकार ने अतिथि शिक्षको केे साथ भेदभाव और शोषण कर रही है हम अतिथियों से ज्यादा तो एक मजदूर को उसकी मजदूरी मिल जाती है !!पर हमारा हाल तो मजदूरों से बुरा है!!जुलाई में भर्ती कर लेती है और मार्च में हटा देती है!! हम अतिथि भाई एवं बहिने जो लगातार 8 -10 सालों से 100 रुपये रोज म पढाते चले आ रहै कुछ साथी बुढापे की ओर है उनके बच्चे बच्चिया शादी के योग हो गये है. कई साथियो की शादी नही हो पा रही है क्योंकी वह एक अतिथि शिक्षक है इसलियें हमे इस महंगाई के दौर पर पेट भरना मुशिकल हो रहा है!! मा. उच्च न्यालय जबलपुर हाई कोरमें दायिर याचिका क्रमांक 7047/2015 14 मई 2015 को मा. हाई कोर्ट ने आदेश दिया गया है था की अतिथि शिक्षकों कों गुरुजियो की तरह लाभ दे और सरकार 3 माह में फैसला लें पर आज तक आदेश का पालन भी नही किया गया है!!हम लगातार 10 सालो से स्कूलों में सेवाये दे रहै है हम को वेतन यह मिलता है प्राथमिक शाला में 100 रुपये और माध्यमिक शाला में 150 रूपय और हाई स्कूल मे 180 रुपयै रोज में पढा रहै है . रविवार आदि छुट्टियों के पैसै काट लिये जाते है महीने में पङता है प्राथमिक में 2000 और माध्यमिक में 3250 रुपयें और हाई स्कूल में 3960 रुपयें!! और फिर बस का किराया जो की हम 20 से 30 कि. मी. दूर पढाने जाते है सुबह 9 बजे घर से निकलते है शाम को 6 बजे तक अाते है. वेतन भी समय पर नही मिलता है 2 महीने या 3 महीने में मिलता !!साथ संविदा शिक्षको 20 हजार और 30 हजार रुपये महीना दिया जा रहा है हम अतिथि शिक्षक पूरे मध्यप्रदेश में लगभग 1 लाख 50 हजार है हम अपना हक मांग रहै है..अभी 18 जनवरी को हमने हजीरों की संख्या में भोपाल शाहजनी पार्क में अनिशचित काल धरना पर थे जिसमें दूसरे दिन 19 जनवरी को स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन जी ने हमारे बीच आकर आसवाशन दिया की आप अपना काम संभाले हम आपकी मांगे मान लेंगें और 10 दिन में कमेटी गठित कर आपकी मांगों को मान लेंगे आपकी चिन्ता हमारी सरकार करेगी इसी विशवास को लेकर हम ने धरना स्थितगत कर दिया था पर पर आज तक कुछ नही किया अगर हमको नियमित नही किया तो होगा उग्र अान्दोलन जिसमें दिल्ली पैदल मार्च निकालेगा हजारो अतिथि शिक्षक सङको पर आयेगें अपने हक के लिये!! आप सबसे हाथ जोङकर अपील है यह पोस्ट आगे बढाये और हमारा सहयोग करें.
धन्यवाद
निवेदक हर एक अतिथि शिक्षक साथी.....
तख्त बदल देंगें ताज बदल देंगे।
नियमित नही किया तो सरकार बदल देंगे।।
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