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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का लक्ष्य: ओमप्रकाश पाटीदार शाजापुर

Sunday, 28 February 2016

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

विवरणविज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में प्रत्येक वर्षभारत में 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' मनाया जाता है।
तिथि28 फ़रवरीउद्देश्यविद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।
शुरुआत28 फ़रवरी, 1928 को रमन प्रभाव की खोज की हुई। इसी उपलक्ष्य मेंभारत में 1986 से हर वर्ष 28 फ़रवरी 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाया जाता है।अन्य जानकारीविज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का लक्ष्य

लोगों के दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोग के महत्व के बारे में एक संदेश को व्यापक तौर फैलाने के लिये हर वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को मनाया जाता है।
मानव कल्याण के लिये विज्ञान के क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिये।विज्ञान के विकास के लिये सभी मुद्दों पर चर्चा करना और नयी प्रौद्योगिकी को लागू करना।देश में वैज्ञानिक दिमाग नागरिकों को एक मौका देना।विज्ञान और तकनीक को प्रसिद्ध करना साथ ही लोगों को बढ़ावा देना।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का थीम(विषय)

वर्ष 1999 का विषय था “हमारी बदलती धरती”।

वर्ष 2000 का विषय था “मूल विज्ञान में रुचि उत्पन्न करना”।

वर्ष 2001 का विषय था “विज्ञान शिक्षा के लिये सूचना तकनीक”।

वर्ष 2002 का विषय था “पश्चिम से धन”।
वर्ष 2003 का विषय था “जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।वर्ष

2004 का विषय था “समुदाय में वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।

वर्ष 2005 का विषय था “भौतिकी को मनाना”।

वर्ष 2006 का विषय था “हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करें”।

वर्ष 2007 का विषय था “प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल”।

वर्ष 2008 का विषय था “पृथ्वी ग्रह को समझना”।

वर्ष 2009 का विषय था “विज्ञान की सीमा को बढ़ाना”।

वर्ष 2010 का विषय था “दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।

वर्ष 2011 का विषय था “दैनिक जीवन में रसायन”।

वर्ष 2012 का विषय था “स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।

वर्ष 2013 का विषय था “अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षा”।

वर्ष 2014 का विषय था “वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।

वर्ष 2015 का विषय था “राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञान”।

वर्ष 2016 का विषय देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्य के लिए होगा।

संकलन एवं प्रसारित

ओम प्रकाश पाटीदार
विज्ञान संचारक
शाजापुर
म.प्र.

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