21 फरवरी 2016 को तय होगा प्रदेश के लगभग चार लाख कर्मचारियों का भविष्य आखिर सरकार से क्या चाहते है मध्यप्रदेश के अध्यापक , संविदा शिक्षक ,गुरुजी और अतिथि शिक्षक। क्या सभी एकजुट होकर आजाद अध्यापक संघ के प्रांतीय आह्रवान पर अपने अपने जिला स्तर पर मुख्यमंत्री स्मरण रैली मेँ शामिल होकर अध्यापक संवर्ग के छटवे वेतनमान के आदेश जारी करवाने और वर्षो से लंबित अध्यापक ,संविदा शिक्षक ,गुरुजी ,अतिथि शिक्षको की मांगों के निराकरण हेतु एक बार पुनः सड़कों पर उतरकर शंखनाद करेगें या अनिश्चित काल तक अपने घरों मेँ बैठकर आदेशो का इंतजार करेगे । साथियों बजट सत्र को याद रखो आपके 21 और 28 तारीख मे रविवार के अवकाश आपका जीवन बना भी सकते है ।और चुप बैठे रहे तो बिगाड़ भी सकते है । आप सभी अपने भविष्य का निर्णय स्वंय करे। आजाद अध्यापक संघ आप सभी के हितों के लिए हर संघर्ष के लिए तैयार है ।
अध्यापक, संविदा शिक्षक ,गुरुजी, अतिथि शिक्षक साथियों आप सभी ने देखा आजाद अध्यापक संघ द्वारा अध्यापक संवर्ग के छटवेँ वेतनमान के आदेश जारी करने हेतु और अध्यापक ,संविदा शिक्षक, गुरुजी ,अतिथि शिक्षक संवर्ग की लंबित मांगो को लेकर 14 फरवरी 2016 को जिला स्तर पर धरना देकर सामूहिक उपवास का कार्यक्रम किया था। लेकिन कुछ जिलो मेँ धरना स्थल मेँ संख्या सौ से भी कम थी ।आखिर ऐसा क्यों ऐसे अधिकतर लोग धरना स्थल मेँ नहीं दिखे जो प्रतिदिन फोन लगाकर पूछते है ,आदेश कब होगे और जो प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक फेसबुक वाट्सऐप मे बड़ी बड़ी बातें करते है । घर मेँ बैठकर सरकार को उखाड़ फेँकने की बात करते है ।जो लोग अध्यापक संविदा शिक्षक गुरुजी अतिथि शिक्षक संवर्ग के हित मेँ संघर्ष करते है ।उनके संघर्ष को कमजोर करने वाले ये अलोचक न खुद संघर्ष करते है, न पीड़ित दु:खी अध्यापक संविदा शिक्षक ,गुरुजी, अतिथि शिक्षको को संघर्ष करने देते है । साथियों आजाद अध्यापक संघ ने पुनः 21 फरवरी 2016 को अध्यापक संवर्ग के छटवेँ वेतनमान के आदेश जारी न होने और हर संवर्ग की अन्य मांगों का निराकरण आज तक न होने के कारण प्रदेश के सभी जिलो मेँ मुख्यमंत्री स्मरण रैली निकालने का निर्णय लिया है।
साथियो यदि आपको अभी तक आदेश जारी न होने का और अन्य मांगों का निराकरण न होने का थोड़ा भी दर्द हो तो आप सभी अपने साथियों को 21 फरवरी की मुख्यमंत्री स्मरण रैली की सूचना दे और अपने अपने जिले मेँ रैली मेँ शामिल हो । और यदि आपको घर मेँ बैठकर फेसबुक वाट्सऐप के मध्यम से सिर्फ अलोचना करना है ,रोज रोज आदेश का इंतजार करना है या सिर्फ किसी न किसी संघ-संगठन के नेता बने रहना है, तो पूरा जीवन इंतजार के लिए शेष है । आप सभी का 21 फरवरी को रैली मेँ साथ मिला तो उसके आधार पर आगामी निर्णायक रणनीति तय की जायेगी और आपका साथ अधूरा रहा तो आपकी भावनाओं को ध्यान रखकर आप सभी की संख्या बल के आधार पर आगामी निर्णय लिया जायेगा ।
आप सब साथ दो हम अपनी कुर्बानी देगे ।जय आस
आपका भाई भरत पटेल
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