1) आदेश विसंगति रहित ही होगा :
नये आदेश में स्पष्ट लिखा है कि क्रंमाक एफ-1-31/2013/22/पं-2 दिनांक 04/09/2013 के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार अध्यापक संवर्ग को दिनांक 01/01/2016 से 6 वां वेतनमान स्वीकृत किया जाता है ।
गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग क्रं.एफ-1-31/2013/22/पं-2 दिनांक 04/09/2013 के अनुसार तृतीय व चतुर्थ किस्त के भुगतान के उपरान्त 1/9/2017 को अंतरिम राहत के समायोजन के बाद नियमित शिक्षकों के समान वेतन बैण्ड व संवर्ग वेतन के अनुसार भुगतान किया जावेगा ।
अर्थात पुराने आदेश के अनुक्रम में जो 01/09/2017 से मिलना था वो 01/01/2016 से प्राप्त होगा । अर्थात 6 वें वेतनमान की गणना 01/08/2013 से ही होगा ।
आदेश निश्चित रूप से स्पष्ट और विसंगति रहित है ।
सभी अघ्यापक नेताओं को साधुवाद ।
जब तक वित्त विभाग से अध्यापको के छटे वेतनमान के विधिवत आदेश जारी नही हो जाते तब तक धैर्य व् विश्वास बनाये रखिये ।
विनय कनौजिया
2) छटवें वेतन के आदेश हुए जारी
आदरणीय साथियों
सादर वंदे
जैसा कि आप सभी की विदित ही है कि जिस आदेश की हम प्रतीक्षा कर रहे थे वह आज शासन स्तर से जारी हो गया है।
पूर्व से ही कई कयास आदेश के तहत लगाए जा रहे थे।परन्तु आज जो आदेश शासन स्तर से जारी किया गया है वह अधूरा है। आदेश की ही कंडिका 02 के अनुसार विस्तृत दिशा निर्देश अलग से जारी किए जावेंगें।
साथियों आज के जारी आदेश के अनुसार कोई टिप्पणी करना जल्दीबाजी होगी।प्रथम दृष्टया इसे विसंगति पूर्ण कहा जा सकता है।परंतु पूर्ण दिशा निर्देश के यह आदेश मात्र सांकेतिक ही माना जा सकता है।
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन ने आदेश हेतु पूर्व से ही प्रयास प्रारंभ कर दिए थे और आप सभी के पुरजोर सहयोग से आदेश तो निकल गया। परंतु आज भी हम यह समीक्षा करने में असमर्थ हैं कि आदेश विसंगति पूर्ण है या विसंगति रहित।क्योकिं इसके साथ गणना पत्रक नहीं दिया गया है।
साथियों म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन हमेशा से ही सच में विश्वास रखता है ।और सच्चाई सबके सामने लाकर रखता है। हमारा मत स्पस्ट है कि आदेश की समीक्षा की जावेगी एवं आदेश विसंगति पूर्ण रहा तो आंदोलन होगा और विसंगति रहित हुआ तो आदेश का स्वागत होगा।
अभी आप धैर्य रखें म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन किसी भी वर्ग के साथ अन्याय नहीं होने देगा।
हम लड़ेंगें और जितेंगें यह विश्वास रखें।
हर जोर जुल्म की टक्कर में,
संघर्ष हमारा नारा है।।।
ब्रजेश भाई,आरिफ भाई ,उपेन्द्र कौशल एवं संगठन के वित्त मामलों के विशेषज्ञ इसका विश्लेषण कर आपके सामने पूरी बात स्पस्ट करेंगें
इसके बाद ही अगली रणनीती तय करेंगें।
अशोक कुमार देवराले
प्रांतीय उपाध्यक्ष
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन
आई टी सेल।
भोपाल
मिडिया विभाग
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन
3) अंतत: कल आदेश जारी हो गए । बहु प्रतीक्षित और बहु प्रचारित । थोड़ा अंतराल लंबा हो गया ।
अब फिर नई बातों का सिलसिला शुरू हो चुका है । जैसे विसंगति हुई तो आस में आग लगा देंगे, आँदोलन करेंगे, अनशन करेंगे आदि आदि ।
ये सब करना भी चाहिए । पर पहले देख लो कि हो क्या रहा है । उसके बाद जो चाहो कर डालना ।
कुछ समय से देख रहा हूँ कि कुछ अध्यापक भाई प्रतिदिन सुबह उठते ही सौगंध खाते हैं कि आज आजाद अध्यापक संघ को खत्म कर देंगे, और कलम उठाकर न जाने क्या क्या लिख डालते हैं? कई बार तो बताओ कि भाई अभी 4 दिन पहले ही तो लिख लिए थे । तो बौरा जाते हैं ।
अभी आज देखा कि व्हाट्स एप के समाधान नामक ग्रुप में मेहमान बनाकर बुलाए एक संघ के पदाधिकारी ने तो सभी अध्यापकों को और ग्रुप मेंबर्स को कचरा कह डाला । ये उचित नहीं । आपस में प्रतिस्पर्धा हो पर रंजिश नहीं और ओछापन तो बिल्कुल नहीं ।
समाधान टीम
4) अब चूँकि 2015 का आँदोलन आस ने शुरू किया तो बड़ी जायज़ सी बात है कि अन्य सभी संघ पूरी ताकत लगाकर ये प्रयास करेंगे कि गिराओ इनको, कुप्रचार करो, आरोप लगाओ, झूठ बोलो, विवाद करो। पर इन सब से कुछ नहीं होना । न ऐसा करने से किसी को खत्म किया जा सकता है ।
मैं अपनी अगली पोस्ट में कुछ ऐसे लोगों के नाम बताऊँगा, जो सिर्फ इसी बात के लिए जी रहे हैं कि आस को गाली बको और खत्म करदो इनको।
तब तक आप सभी काटापीटी का आनंद लेते रहे । मैं बहुत पहले करके छोड़ चुका हूँ । और आज वो सभी साथी आँदोलन में साथ रहे ।
आप सबकी जय जय जय हो ।
अजीत पाल यादव
5) जबतक आदेश की विस्तृत टेबल नहीं आ जाती है ।कुछ भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, अभी हमारी नजर शासन के विस्तृत टेबल पर है ।सही आदेश जारी होने पर ही होगा सभी अध्यापकों के साथ अध्यापक कांग्रेस का जश्न ।
लखन गर्ग
प्रांतीय उपाध्यक्ष
अध्यापक कांग्रेस
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