आई टी सेल
राज्य अध्यापक संघ म.प्र.।
प्रिय साथियों-सादर वंदे।
गुना में हमारे एक अध्यापक संघ ने अध्यापक हित के नाम अपने पैरों के नीचे से जमीन खिसकते हुए हड़बड़ाहट व् बौखलाहट में अपने ही साथियों व राज्य अध्यापक संघ के खिलाफ मौन रैली होते हुए नारेबाजी की इससे उनकी नियत व नीति साफ़ हो चुकी है कि ऐसे संगठन व ऐसे लोग अध्यापक हितेषी कतई नही हो सकते, अध्यापकों व सभी अध्यापक संघों का संघर्ष शासन से है न कि आपसी। लेकिन इनकी कार्यशैली व अपने ही साथियों को अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है कि ये अध्यापक हित हेतु नहीं वरन निजी व स्वहित हेतु शासन से कम अपने ही परिवार के लोगो व संगठन से लड़ने अधिक आतुर दिखाई दे रहे हैं। भारतीय संविधान अनुसार सभी को स्वणतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, सभी को अपने इस अधिकार के तहत शांतिपूर्ण ढंग से कार्य करने की स्वतंत्रता प्राप्त है। लेकिन कुछ निजी स्वार्थी लोग किसी की स्वतंत्रता हनन करने शायद पदलोलुपता व् निजी स्वार्थ की अति महत्वाकांक्षा के वशीभूत होकर अध्यापक संवर्ग की गरिमा को धूल धूसरित करते हुए स्वणतंत्रता के अधिकार का हनन करने में भी पीछे नही हैं।
सम्पूर्ण प्रदेश में मौन रैली और गुना में नारेबाजी व जबरन का टकराव ये इनकी दोहरी मानसिकता इनके संस्कारों, नीति व इनकी नीयत को साफ़ जाहिर करती है कि ये सर्वहिताय नही वरन निजी हितार्थ अध्यापक हित के नाम से सक्रिय हैं।
राज्य अध्यापक संघ अपने साथियों व अपने परिवार के हितार्थ सदैव शासन के विरुद्ध संघर्ष करने में विश्वास करता है अपने ही संवर्ग के लोगो व संघ के विरुद्ध नही।
जागो अध्यापक जागो।
राज्य अध्यापक संघ मध्यप्रदेश ऐसे सभी अमर्यादित, मतभेद व मनभेद पैदा करने वाले सभी कार्यों की घोर निंदा करता है, साथ ही अपील करता है कि इस प्रकार के दोहरे चरित्र चित्रण व कृत्यों का प्रत्येक स्तर पर बहिष्कार करते हुए निंदा होनी चाहिए।
आपका अपना साथी
सियाराम पटेल
प्रदेश मीडिया प्रभारी
आई टी सेल, राज्य अध्यापक संघ
मध्यप्रदेश।
No comments:
Post a Comment