अब आंदोलन को बहुत लम्बा समय हो गया उपलब्धिया कुछ नही? पर हर वर्ग की आशा लगी है इस आशा मे मेरा भी वर्ग विषेश है तो अपने लिऐ कुछ नऐ की आशा नही रखता केवल शासन की गलतीयो को एक समान करना चाहता है प्रदेश के अधिकतर जिलो मे जब हमारी संविदा काल की गणना २२/१०/२०११ से की जा रही है तो शासन के तुगलकी परमान मे हम कुछही क्यो फिसे इस हमारा बैसे ही सेवकाल कम ही बचा है मेरे कुछ भाई तो ऐसे भी है जो अब सेवा निर्वात होने की कगार पर है तो क्या हमारे मुख्यमंत्री जी सभी को एक समान नही कर सकते?
इसमे हमारा क्या अपराध है ?
जब हमारे ही भाई असफल होकर अध्यापक बन गऐ और हमको २०१७ का इन्तजार करा रहे है क्यो?
और अब हम तो बहुत कम सख्या मे बचे है तो हमारे साथ न्याय क्यो नही?
-जोगेन्द्र द्विवेदी
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