आई टी सेल प्रभारी
म.प्र.शा.अध्यापक संगठन
साथियों आयुक्त लोक शिक्षण संचलनालय ने 20 जनवरी को विडियो कान्फ्रेन्स में प्रदेश के DEO को संतान पालन अवकाश का लाभ प्रदेश की महिला अध्यापको को नही दिये जाने के निर्देश दिये गये है।जबकि राज्य शासन 2008 में अध्यापक भर्ती एवं सेवा शर्ते नियम में अध्यापक संवर्ग को प्रदेश के शिक्षक संवर्ग के समान सभी अवकाश की पात्रता का नियम बन चुका है।इसके बाद भी एक आयुक्त के द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही कर शासन के नियमों का उल्लघन किया लेकिन आयुक्त महोदय पर कोई कार्यवाही नही हुई।समझ में नही आता कि आयुक्त महोदय प्रदेश के मुखिया के भावनाओ और विचारों का पलीता लगाने पर क्यों तुले है।हमेंशा अध्यापको के लिये विसंगतिपूर्ण आदेश क्यों???....शायद प्रदेश के महामंडित अधिकारी हमारी कमजोरी समझ रहे है।इन्हें ये नही पता कि जिस दिन प्रदेश का अध्यापक विदक गया तो प्रदैश में महाप्रलय आ जायेगी।शासकीय अध्यापक संगठन इस तुगलकी फरमान का विरोध करता है।अब आयुक्त की तानाशाही नही चलेगी।शा.अ.सं पूरी ताकत से बहनों के साथ है।हम अपनी अध्यापक संवर्ग की बहनो के साथ अन्याय नही होने देगे।हमने अन्याय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।AC कमरों में बैठकर हमारी नीतियां बनाने वाले अधिकारियों को मुंहतोड़ जबाब देगे।हम दोयम दर्जे के व्यवहार को सहन नही करेगे।अधिकारियों से लोहा लेना है।इसके लिये शा.अ.सं. ने मोर्चा खोल दिया है।समान विचार धारा वाले संघ/संगठनो के साथ संयुक्त मोर्चा के बैनरतले DPI द्वारा अध्यापक महिलाओ के अवकाश के संबध में एवं छटवे वेतनमान की विसंगतियो के निराकरण के संदर्भ में 11 फरवरी 2016 को सभी जिलो में महिला मोर्चा के द्वारा मुख्यमंत्री महोदय के नाम कलेक्टर महोदय को ज्ञापन दिया जायेगा ।इसके लिये प्रदेश के सभी अध्यापक तैयार रहे।चूंकि शा.अ.स.एकता में विश्वास रखता है।इसलिये सभी संघ संयुक्त मोर्चा के बैनरतलेे आकर बहनों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ पूरी ताकत से साथ दे।ताकि बहनो के साथ कौई अन्याय न हो।
अधिकारियों से लोहा लेना है,
विसंगति को हटवाना है।
कौशल क्रांतिकारी चम्बल
आई टी सेल
म.प्र.शा.अध्यापक संगठन
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