एक और संघ का निर्माण कितना उचित?
आज संविदा शाला शिक्षक स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और नया संघ बनाने का विचार कर रहे हैं
किन्तु अध्यापकों के पहले से ही 28 संघ पंजीकृत हैं
ऐसे में एक और नया संघ बनाना क्या अध्यापक या संविदा शाला शिक्षक के हित में है
क्या यह बेहतर नहीं होगा कि पूर्व में पंजीकृत संघ संविदा शाला शिक्षकों की पीड़ा समझें और उनके लिये स्वयं के संघ के बैनर तले निर्णायक आंदोलन छेड़ें
जिससे न केवल संविदा शाला शिक्षकों का विश्वास अर्जित कर सकेंगे वरन एक नया संघ बनने से भी रोकेंगे
और भविष्य में सभी अध्यापक संघों को एकीकृत करना भी संभव हो सकेगा
सभी संघों को गंभीरता से विचार करना चाहिए
एक नया संघ चाहते हैं कि स्वयं का संघ अधिक मजबूत कर समस्याओं को अधिक प्रभावी ढंग से रखकर जल्द निराकरण करवाना
क्योंकि कोई भी संघ जितना अधिक मजबूत होगा सरकार उतनी जल्दी उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर होगी
और इससे अध्यापकों का शोषण रूकेगा
सभी संघों से अपील है गंभीरता से विचार करें
मनीष सराफ
एक संविदा शाला शिक्षक
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