साथियों नमस्कार
विश्वस्त सूत्रो से ये ज्ञात हो चूका है की शासन विसंगति पूर्ण आदेश ही जारी करने जा रहा है जो हमें कतई स्वीकार नहीं है और हम इसका पुरजोर विरोध करगे।हम इस बात को कई बार दोहरा भी चुके है और हम लगातार इस बात का विरोध भी कर रहे है 27 जनबरी को पुरे प्रदेश में सबने अपने जिलो में ज्ञापन भी दिया है ।अब अंतिम लड़ाई का मौका आ गया है हम सरकार के इन हुक्मरानो के तुगलगी आदेश को कभी स्वीकार नहीं करेगे आप तैयार रहे सरकार जैसे ही आदेश जारी करेगी ठीक उसके पांचवे दिन भोपाल में महाआंदोलन करेंगे चुकी परीक्षा के समय सरकार द्वारा एस्मा लगाया जा चुका है और हैम सबकी ड्यूटी भी उस दौरान लगी होगीं
अतः आप पूर्ण रूप से ड्यूटी की गारंटी न ले ।हमे आंदोलन करना है तो ड्यूटी भी हम बीच में छोड़ भी सकते है इस बात को जिला प्रसासन को अवगत करा दे और बरिष्ठ अधयापक केंद्राद्यक्ष व सहायक की जबाबदारी भी न ले ।भाइयो ये 6 पै नहीं ये समझ लो हमारी मोत सामने है और हमे डट कर इसका मुकाबला करना हैं क्युकि हम हारे तो जिंदगी हार जायेगे क्युकि आगे जो भी फिक्सकेशन होगा पूरी जिंदगी इसी के अनुसार ही होगा ।हमे यलगार बोलना ही होगा वक़्त कम है काम जायदा मेरे इतने लिखने को ही आखरी पैगाम समझना
क्युकि हम या तो बोलते नहीं या केवल सच ही बोलते है।तैयार रहे मेरे साथ लड़ने के लिए ।फालतू अफवाहों से बचना ये सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही है केवल राजनैतिक रोटी बनाने के अलावा ।आदेश होने के पांचवे दिन का ख्याल रखना। हमें छठवाँ वेतनमान दिसंबर 2015 से लेना है और उसकी लड़ाई लड़नी है । जनवरी पेड फरवरी 2016 मे छठवें वेतनमान की बात बेमानी है और हम इसका खुला विरोध करेंगे।हमें कोई राजनीति नही करनी है केवल अपने हक की लड़ाई लड़नी है।
आपका भाई
बृजेश शर्मा
प्रांताध्यक्ष
म.प्र. शासकीय अध्यापक संगठन।
राकेश दुबे
प्रदेश महामंत्री
रत्नेश मिश्रा जी के कलम से।
साथियो छठवे वेतनमान की घोषणा हुये लगभग एक माह से अधिक समय निकल चुका है किन्तु आदेश जारी नही हुआ है. बार- बार चर्चा और ज्ञापन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री से विसंगति रहित अादेश जारी करवाने का निवेदन भी किया गया लेकिन अभी तक आदेश न होने से अध्यापको के सब्र का बाँध टूटने की कगार पर है. हमारे कुछेक साथी आपस मे ही ताव दिखाते नजर आ रहे है. धैर्य न खोये हम किसी भी सरकार का पट्टा डालकर घूमने वालो की तासीर के नही है. प्रांताध्यक्ष ने जब- जब माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात की है तो सोशल मीडिया पर चर्चा की खबर देकर मुख्यमंत्री जी के आश्वासन से अवगत भी कराया है. हाल ही आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के द्वारा वीडियो कांफ्रेन्सिंग मे समस्त डीईओ को संतान पालन अवकाश अध्यापक संवर्ग को स्वीकृत न. किये जाने का निर्देश दिया है जिसका संपूर्ण म. प्र. मे आस के बैनर तले जबरदस्त विरोध भी किया गया है. सरकार से ज्यादा तानाशाही कुछेक अधिकारियो के व्यवहार मे झलक रही है. हमे माननीय मुख्यमंत्री जी पर पूर्ण विश्वास है परंतु अफसरशाही पर भरोसा नही है. हमारे ही कुछेक साथी आंदोलन चाहते है इसलिये प्रांतीय बैठक मे लिये गये निर्णयानुसार १३ फरवरी तक आदेश जारी न होने , संतान पालन अवकाश मे संशोधन तथा अन्य माँगो - स्थानांतरण ,बीमा, पदोन्नति, संविदा परिवीक्षावधि , गुरूजी की समस्याएँ निराकृत नही होती तो १४ फरवरी से सत्याग्रह की शुरूआत जिला स्तर से की जावेगी सभी तैयार रहे जब तक अध्यापक संवर्ग एवं संविदा संवर्ग की समस्याओ की इति नही होती तब तक " हमे नही तो तुम्हे नही चैन नही आराम नही " का नारा राजधानी मे गूँजता रहेगा. अभी हमारे प्रांताध्यक्ष सहित प्रांतीय पदाधिकारियो का दौरा कार्यक्रम संघ को मजबूती देने के लिये जारी है. जिलाध्यक्ष भी अपने जिले के सभी ब्लॉको का दौरा अवश्य कर ले. सम्मानीय प्रांतीय पदाधिकारी जिन जिलो मे है उस जिले के जिलाध्यक्ष पर अतिरिक्त आदेश करके बोझ न डाले जिलाध्यक्ष वरिष्ठता तथा मर्यादा का ध्यान रखे. किसी भी परिस्थिति मे सोशल मीडिया पर मर्यादा और पद प्रतिष्ठा की गरिमा को ध्यान मे रखना होगा. सबको ग्रुप चलाने की स्वतंत्रता है पर बिना प्रांताध्यक्ष की अनुमति विरोध या समर्थन का निर्णय न ले. छात्र हित सर्वोपरि है बोर्ड परीक्षाओ को मद्देनजर रखते हुये सभी लंच या घर पर fb & what's app चलाये शालेय समय मे नही. साथियो एक और विनम्र अनुरोध कि अनावश्यक छोटी छोटी बातो के लिये प्रांताध्यक्ष और प्रांतीय पदाधिकारियो को मोबाईल न लगाये क्योकि आपके जवाब देते सुबह से शाम यूँ ही निकल जाती है शारीरिक और पारिवारिक समस्याएँ उत्पन्न होने का ज्यादा खतरा बना रहता है .जय आस जय आजाद रत्नेश मिश्रा जबलपुर
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