एक अध्यापक की कलम से --
प्रिय
माता-पिता,
परीक्षाऔ का दौर लगभग समाप्ति की ओर है।
अब आप अपने बच्चों के रिजल्ट को लेकर चिंतित हो रहे होंगे ।
लेकिन कृपया याद रखें, वे सभी छात्र जो परीक्षा में शामिल हो रहे हैं,
इनके ही बीच में कई कलाकार भी हैं, जिन्हें गणित में पारंगत होना जरूरी नहीं है।
इनमें अनेकों उद्यमी भी हैं, जिन्हें इतिहास या अंग्रेजी साहित्य में कुछ कठिनाई महसूस होती होगी, लेकिन ये ही आगे चलकर इतिहास बदल देंगे I
इनमें संगीतकार भी हैं जिनके लिये रसायनशास्त्र के अंक कोई मायने नहीं रखते ।
इनमें खिलाड़ी भी हैं, जिनकी फिजिकल फिटनेस, फिजिक्स के अंकों से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं ।
यदि आपका बच्चा मैरिट अंक प्राप्त करता है तो ये बहुत अच्छी बात है।
लेकिन यदि वह ऐसा नहीं कर पाता तो उससे कृपया उसका आत्मविश्वास न छीनें |
उसें बतायें कि सब कुछ ठीक है और ये सिर्फ परीक्षा ही है ।
वह जीवन में इससे कहीं ज्यादा बड़ी चीजों को करने के लिये बना है |
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने कितना स्कोर किया है। उसे प्यार दें और उसके बारे में अपना फैसला न सुनायें ।
यदि आप उसे खुशमिज़ाज़ बनाते हैं तो वो कुछ भी बने उसका जीवन सफल है, यदि वह खुशमिज़ाज़ नहीं है तो वो कुछ भी बन जाए, सफल कतई नहीं है ।
कृपया ऐसा करके देखें, आप देखेंगे कि आपका बच्चा दुनिया जीतने में सक्षम है।
एक परीक्षा या एक 90% की मार्कशीट आपके बच्चे के सपनों का पैमाना नहीं है ।
✍ श्रीपत श्रीवास्तव
No comments:
Post a Comment