एक बात मेरे समझ से परे है की माननीय मुख्य मंत्री महोदय को बधाईयो का ताता अध्यापक जगत मे लगा है वो ठीक है प्रत्येक अध्यापक संघ उन्हे शुभ कामनाए दे रहा है ये होना भी चाहिए वो प्रदेश के प्रमुख है पर जिस तरह से उन्हे अध्यापक हितेशी ओर संविदा शिक्षको की पीड़ा को समझने वाला ओर सहर्दय से अध्यापक ओर संविदा शिक्षको की चिंता करने वाला दर्शाया जा रहा है, ये कुछ समझ से परे है क्युकी यदि ये सत्य है तो अब तक संविदा शिक्षको का वेतन क्युँ नही बड़ा या फ़िर संविदा अव्धी कम क्युँ नही हुई , ट्रान्स्फर पालीसी नही आई ओर अगर मुख्य मंत्री महोदय चाहते है कि हमारा हित हो ओर ये बात अध्यापक समझ लेते है ओर मान लेते है तो अध्यापको एवं संविदा शिक्षको को इन माँगो के पुरा न होने के पीछे मुख्य मंत्री जी जगह सभी संघ ओर संघ प्रतिनिधी जिम्मेदार मानना पडेगा , अब यदि अध्यापक एवं संविदा शिक्षक 6pay. मे विसंगती ट्रान्स्फर पालीसी , ओर संविदा अव्धी के कम न होने के पीछे अध्यापक संघ को ज़िम्मेदार मानते है तो संघ कहते है हम पर भरोसा नही एसे मे प्रदेश का प्रत्येक सामान्य अध्यापक दो राह पर आकर खड़ा हो जाता है कि दोष किसको दे !माननीय मुख्य मंत्री महोदय द्वारा 6टा वेतन मान देने के बाद अन्य माँगो की पुर्ती के लिये बताये गये समय मे दो माह पूरे हो चुके पर न तो अभी तक ट्रान्स्फर नीति पर कुछ फेस्ला आया ओर न ही संविदा शिक्षको की संविदा अव्धी कम हुई
मध्य प्रदेश सरकार के बजट से संविदा शिक्षको को बड़ी उम्मीदे थी पर बजट मे भी संविदा शिक्षको को कुछ नही मिला जबकी उम्मीद जताई जा रही थी की संविदा शिक्षको का वेतन बड़ सकता है !
संविदा शिक्षको के लिये बजट निराशा जनक रहा ,आज भी इक्कीसवी सदी का शिक्षक 5000/- के वेतन मे घर से 600km. से 800km. दूर अपना जीवन यापन करने को मजबूर है !
संविदा शिक्षको की संविदा अव्धी कम करने की माँग पर सरकार को जल्द ही फेस्ला लेना चाहिये !इस तरह से सरकार संविदा शिक्षको की अन्देखी कर रही है !खेर
माननीय मुख्य मंत्री महोदय को जन्म दिवस की हार्दिक हार्दिक शुभ कामनाए यदि मुख्य मंत्री महोदय हम सभी अध्यापक एवं संविदा शिक्षको की सभी माँग मान लेते तो ये दिन एक उत्सव से कम नही होता , ओर आज के दिन प्रत्येक अध्यापक एवं संविदा शिक्षको के घर द्वीप प्रज्जवलित हो रहे होते !
नोट :- ये कहानी प्रत्येक संघ के लिये है पर इस कथन को किसी भी अध्यापक संघ से मनमुटाव या विरोध के रूप मे न समझा जाए ! ये केवल एक अन्तर मन मे उठने वाले सवालो को दर्शाता है !
रकीब खान
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