कल 14 मार्च 2016 को विधानसभा में शिक्षा के बजट पर चर्चा हुई ।
इसमें शिक्षा के व्यवसायीकरण और समान शिक्षा का मुद्दा भी विधायको के बयान में छाया रहा । हम यंहा विधायकों के संक्षिप्त बयान भी प्रस्तुत कर रहे है जिसमे शिक्षा की चिंता है और कुछ सुझाव भी हैं ।
सर्वप्रथम
श्री कमलेश्वर पटेल (सिहावल) ने कहा की ,"सरकारी विद्यालय बंद हो रहे है यह चिंता का विषय है ।"
श्री शैलेन्द्र पटेल (इच्छावर) ने कहा की ,"शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार किया जाए और शीघ्र भर्ती की जाए "
श्री गोविन्द सिंह पटेल (गाड़रवाड़ा) ने एक विधायक के उस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा , जिसमे सरकारी विद्यालय बंद कर के 10 या 15 किमी के दायरे में विद्यालय खोलने की बात कही गयी थी,"शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद हो और विद्यालय बंद नहीं किये जाये ।"
श्रीमती शीला त्यागी(मनगवां) ने कहा की ," विद्यालय में मध्याह्न भोजन के स्थान पर विद्यार्थियों को उपस्थिति के अनुसार नगद भुगतान किया जाए। और जँहा सरकारी विद्यालय है वँहा से 3 किमी के दायरे में निजी विद्यालयो को मान्यता न दी जाए ।"
सुंदरलाल तिवारी(गुड़) ने कहा की "सरकारी विद्यालयो में संसाधन उपलब्ध करवाने पर जोर दिया जाये ।"
सुदर्शन गुप्ता(इंदौर 1) ने ,"निजी विद्यालयो की फीस वृद्धि पर लगाम लागई जाये ।"
हरदीप सिंह डंग(सुवासरा) ने कहा की ,"कोई नेता और अफसर अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयो में नहीं भेज रहा है ,और सब से ज़्यादा शिक्षा का व्यवसाय नेताओ ने ही किया है ।"
श्रीमती उषा वैध (रैगांव) ने कहा की , "वंचित तबके ले लिए बनायीं गयी 25 % की निति की समीक्षा हो ,और st, sc, obc के लिए नई शिक्षा निति बनायी जाए जिस से समान शिक्षा मिल सके,नेता ही अपने बच्चों को कॉन्वेंट में पढ़ने भेज रहे है ।"
आशीष शर्मा (कन्नौद खातेगांव) ने कहा की ,"5 वीं 8 वीं की परीक्षा बोर्ड की जाए इस प्रकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा "
इस विषय को सदन में प्रमुखता से उठाने वाले विधायक धन्यवाद के पात्र है ।राज्य अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष श्री जगदीश यादव एवं प्रांतीय महासचिव दर्शन सिंह चौधरी ने समस्त विधायक महोदयों को धन्यवा प्रेषित किया है ।
राज्य अध्यापक संघ मध्य प्रदेश आई टी सेल
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