साथियो
आप और 80%अध्यापको की सामूहिक मांग है सबसे ज्यादा है। 20% वे है पूरीने दुकानदार और स्वार्थी सरकार के चापलूस है।
सत्यता की लडाई मे सबने साथ दिया तभी सरकार और उसके सभी सघ जिन्होने 2017 तक अपना स्वार्थ पूर्ण कर सी एम के साथ समझोता किया इसमे जब दो लाख अध्यापको के साथ छलवा किया तब भी सभी संघ संगठन थे संयुक्त मोर्चा बना था सभी के हस्ता!र कर समझोता कर लिया था।
ये चंद मच्छर फिर सयुक्त मोर्चा का राग गा रहे है।
मुख्यमंञी जिन्होने इनकी सलाह पर घोषणा के बाद भी आदेश लेट कर रहे है।
प्रथम दिन 13 को भोपाल मे आस के निवेदन पर हजारो का सेलाब ही अध्यापको कीं एक साथ संयुक्त मांग थी ये कोई संयुक्त मोर्चा के चंद अवसरवादियो के कारण नाम पर नही आए थे।
आम अध्यापको के आर्थिक हानि के लिए आस की एक निवेदन पर हजारो लाखो का सैलाब दिखा
जबसे ये स्वार्थी आए तब सी एम ने सोचा ओर लालच देकर कहा कि आन्दोलन तोडो गुमराह करो तभी से आदेश मे ग्रहण लग गया है।
सी एम घबरा गए थे
जब से इन चापलूसो ने चापलूसी शुरू की तब से ही आदेश उलझा दिया गया सी एम व अधिकारी इनके भरोसे मे आ गए की फिर आपस मे लडा कर आस वालो को भी स्वार्थ सिखा देगे पर आस मे तो मर मिटने वाले योध्दा है जो अब तक न टुटे न लडे ओर न अपना स्वार्थ सोचा इसलिए अब तक टिके है।
सरकार दो दिन मे आदेश प्रसारीत कर सकती है।
आप अपना और आने वाली पीढी और जाने वाली पीढी के लिए इमानदारी से एक बार और आक्रोश दिखाना होगा। तभी निकम्मे भ्रष्ट अधिकारीयो चापलूसो ओर सरकार को अपनी ताकत को दिखाना होगा इस ताकत से सरकार और अवसरवादियो की सात पीढी तक god नही छोडेगे।
सरकार को अपनी शक्ती दिखाओ क्योकी आप ओर सब बहुत पीटा चुके है।
सरकार ओर उनके हितेषी आस है व आस की आगाज पर पुन: डर रहे है दो दिनो मे आदेश आ जाएगे वरना महा आक्रोशरूपी आन्दोलन की चेतावनी घोषणा है।
देवेन्द्र माहेश्वरी
आस जिला अध्यक्ष उज्जैन
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