Vijay Vyas
चलो 21 तारीख को फिर से अध्यापक आंदोलन का आगाज हुआ हे । इस बार पिछले संघ और नेताओ की जगह दूसरे संघ और नेताओँ ने ली हे । हमेशा बलि का बकरा बनने वाले सहायक अध्यापक को फिर से विसंगति रहित वेतनमान के हसीन सपने दिखाए गए हे ।। सहायक अध्यापक हर आंदोलन की तरह इस आंदोलन में भी तन, मन और धन से अपनी जी-जान लगाकर हिस्सा लेगा, क्योकि सहायक अध्यापक ही अध्यापक संवर्ग का सबसे पीड़ित और शोषित वर्ग हे और वह इस बार इस आंदोलन के माध्यम से अपने आपको इस विसंगति रूपी कोढ़ से मुक्त करना चाहता हे ।
आज वह फिर इसी उम्मीद में हे कि मेरे नेता जो मेरे रहनुमा और मेरे भाग्य विधाता हे, इस बार मेरे साथ अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिये किसी भी प्रकार का छल या कपट न करते हुए मुझे न्याय दिलवायेंगे ।
अब ये तो आगे का वक्त ही बताएगा कि सहायक अध्यापकों के आंसू पोछे जाते हे या हमेशा की तरह फिर से उनकी मासूमियत को अपने स्वार्थ की खातिर कुचला जाएगा ।
No comments:
Post a Comment