Mushtaq khan
एक और जहाँ पुरे मध्यप्रदेश का आम अध्यापक एकता के सूत्र में बंधकर संयुक्त प्रयास की पेरवी कर रहा है और लगभग सभी स्त्रोतों से ऐसे संघो को निमंत्रित भी कर लिया गया है परन्तु इनकी और से आज दिनांक तक अध्यापक हित हेतु एकता के प्रयास नही किये गए बल्कि आम अध्यापको को दिन प्रतिदिन एक नवीन स्वप्न दिखाया जा रहा है प्रतिदिन कोई न कोई सुचना व जानकारी प्रेषित कर लोगो को गुमराह किया जा रहा है जबकि पिछले 3 माह से ना तो कुछ मिला है और यदि यही हाल रहा तो ना ही कुछ मिलने वाला है वेतन कटा वो अलग है जो शायद ही बापसी हो सके इतना होने के बाद भी कुछ संघ अपनी राग अलग गाकर अब गागर में सागर भरने की बात कर रहे है जबकि गागर में जो थोडा बहुत पानी था वो भी वेतन कटोती के रूप में बाहार निकल गया और गागर बिन पानी के सुख गई है शायद इनको पता नही की जिस सागर की ये बात कर रहे है वो भी कई नदियों के संगम से बना है और हमें गागर भरने से अच्छा समस्त नदी रूपी संघो को एक बहाव में लाकर संघर्ष का समुन्द्र निर्मित करना है। अभी आम अध्यापक कोई संघीय चुनावी नोटंकी या कोई स्मार्ट फोन की सिम या विवाह करना नही चाहता क्युकी 100% के पास सिम है सब जानते है की चुनाव में नोटंकी होती है और विवाह खाली जेब कोई नही करेगा अतः बिना किसी नियम के बिना किसी विरोद के बिना किसी देर के ऐसे समस्त संघो को अध्यापक हित हेतु फ़ालतू के सत्कार फ़ालतू की मीटिंग और फ़ालतू की साप्ताहिक न्यू प्रोजेक्ट की नोटंकी से आम अध्यापको का फ़ालतू का शारीरिक आर्थिक और मानसिक शोषण न करते हुए जल्दी से जल्दी मिलकर संयुक्त रूपी सार्थक प्रयास करना चाहिए यदि आज इन संघो ने संयुक्त होकर कोई सार्थक प्रयास नही किया तो आने वाले कुछ समय में इनका वजूद स्व-हित की भेंट चढ़ धूल में मिलना तय है।
आओ मिलकर करे प्रयास।।
मैं को भूल हम से मिटेगी प्यास।।
मुश्ताक खान
सदस्य
संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश
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