✍�👉�साथियो अंधभक्ति छोड़िये और सच के घूट पीजिये
👉�मोर्चे ने बिना किसी शर्त अध्यापकहित में आस के आंदोलन मे साथ देकर आंदोलन सफल बनाया मसलन आंदोलन के परिणाम शून्य रहे क्यूं.......??????
👉�आस का मोर्चे से अचानक अलग होना.....??????मोर्चे से अपने को अलग करने का आरोप लगाया कि सी एम साहब के सामने मोर्चे के पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि आंदोलन आस ने किया है।इसलिये मोर्चे से अलग हुये।
अब मै बताता हूं।सत्यता कि मोर्चे मे रहकर आस ने कभी मोर्चे के नियमो का पालन ही नही किया सदैव अपने झंडे वैनर लेटरपेड प्रयोग करते रहे क्यूंकि इनकी नियती सदैव स्वयं का प्रभुत्व और वर्चस्व की लालसा रखना थी।जबकि अन्य संघो ने आस के आंदोलन को सफल बनाया उनका आभार करना था न कि आरोप।
👉�अब बात को घुमाना आरोप लगाना कोई इनसे सीखे इनका आरोप कि मोर्चे के पदाधिकारी द्वारा सी एम से कहा गया कि आंदोलन आस ने किया है तो ऐसा क्यूं कहा जानिये।आस के मोर्चे में शामिल होते हुये भी इन्होने भोजपुर केवल आजाद की निजी यात्रा निकाली थी जिसके बारे में संयुक्त मोर्चे से न कोई बात न कोई राय ली और पेपर की न्यूज में भी आजाद की यात्रा के नाम से ही निकली। तो वहां संयुक्त मोर्चा क्या करता।वैसे भी जाबेद भाई ने कहा था कि भोजपुर यात्रा आजाद के नेत्तव मे निकलेगी और आजाद के नेत्तव में सभी काम करेगे तो फिर मोर्चे के लोग वहां क्यूं जाते सबने मना कर दिया।सी एम साहब को भी इस बारे में मालूम था इसलिये सी एम साहब ने वार्ता के समय इनसे ही यात्रा के बारे में बोला मोर्चे के लोगो से नही।फिर मोर्चे के लोग बोलते भी तो क्या ।गलत बोल नही सकते क्यूकि सी एम साहब को पूर्व से ही इस यात्रा की जानकारी थी कि यात्रा केवल आजाद की थी।।जब यात्रा में मोर्चे का कोई भी सदस्य शामिल नही था तो सी एम साहब से क्या बोलते।
खुद दीवाली पर भोपाल में खून के दिये जलाने लाखो लोग इकठ्ठे होने की बात आस की थी मोर्चे की नही।फिर इकठ्ठे क्यो नही हुये।
इनकी सदैव अ़ंहकारयुक्त स्वयं का प्रभुत्व स्वयं का वर्चस्व की चाह रही है।जब आंदोलन की कमर टूट चुकी थी तब मोर्चे को पुकार रहे थे।जब आंदोलन सफल हो गया फिर मोर्चे से अलग हो गये।अब लोगो का वेतन कटवाके के शांत बैठे है पता नही क्या कारण है।ये है इनकी असली सच्चाई ।पर पता नही लोग अभी भी क्यूं अंधभक्त बने हुये है।साथियो सच को पहचानो और मोर्चे का साथ दो इसी में सभी की भलाई है।
एकता का पुजारी......आपका कौशल क्रांतिकारी
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