क्रांतिकारी का कड़वा सच_____
साथियों आप जो चाहते है।सौ फीस दी आप सफल होगे।देर हो सकती है....मगर अँन्धेर नही होगा....इस वक्त समस्त संघ अपने वर्चस्व की लडाई लड रहे है।कोई भी झुकना नही चाहता....जो झुकना चाहता है उसे कोई भाव देना नही चाहता।
हम सभी संघो से संवाद जारी रखे ।आज के वक्त की यही माँग है।असंतुष्टो पर पेनी नजर रखे।उनका विश्वास हासिल करे।जब तक आस, रास कमजोर नही होगे।तब तक ये लोग न तो एक संघ बनने देगे न ही सयुंक्त मोर्चा मे शामिल होगे।एक तरफ मुरलीधर पाटीदार जी है तो दूसरी तरफ भरत पटेल जी है।दोनो मे जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है।रास आज संख्या बल मे भले ही कमजोर है लेकिन मुरलीधर पाटीदार जी के सत्ता मे होने से प्रभावशाली है।वही आस संख्या बल मे ताकतवर है मगर सरकार उसे तवज्जो नही दे रही है।भरत पटेल के तेवर ठंडे पड गए है।कारण चाहे कुछ भी हो।
मेरा ऐसा मानना है ।वक्त की नजाकत को देखे हम सब मिलकर काम करे, निर्णय ले। आप और हम सभी मिलकर मोर्चे को शक्ति देने हेतु प्रयास करे ।और करते रहगे। सफलता देर से ही लेकिन मिलेगी जरूर...यह मेरा विश्वास है।तभी हम अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते है।निर्णय आप करे।
(ये मेरी राय है।)
क्रांतिकारी चम्बल
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