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अर्जित अवकाश एवं अन्य अवकाश संबंधी जानकारी : ममता सिंह

Saturday, 30 April 2016

अर्जित अवकाश= यह अवकाश प्रत्येक वर्ष     31 दिन के देय है। 1 जनवरी को 16 दिन तथा 1 जुलाई को 15 दिन दो किस्तों में देय है।
यह अवकाश पूरे सेवा काल में 300 दिनों तक जमा किया जा सकता है। भारत में लगातार 120 दिन की तथा भारत से बाहर 180 दिनों की छुट्टी देय है।

मूल नि.- 81-बी(1)

-चिकित्सालय अवकाश- 

यह अवकाश उन कर्मचारियों को देय है जिनकी जान का जोखिम हो तथा सभी विभागों के सुरछा गार्डों एवं बंदी रच्छकों को देय है। यह अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को देय है।
प्राथमिकी चिकित्सक की संस्तुति पर 6 माह तक देय है। जिसमे प्रथम 3 माह पूर्ण वेतन पर तथा अगला 3 माह अर्ध वेतन पर। 3 वर्ष बाद पुनः6 माह का उपरोक्तानुसार देय होगा।

अध्ययन अवकाश(study leave)-

यह अवकाश पूरे सेवा काल 24 माह का अर्ध वेतन पर देय है। एक बार में लगातार 12 माह तक छुट्टी देय है। यह अवकाश भी किसी अन्य अवकाश से घटाया नही जायेगा।
नोट-यह उन्ही कर्मचारी को मिलेगी जिनकी सेवा काल 5 वर्ष हो गई हो। तथा यह अवकाश सेवानिवृति होने के 3 वर्ष पहले तक ही मिलेगी।
मूल नि.-84

प्रसूति अवकाश (महिलाओं के लिए )-

यह अवकाश केवल महिलाओं को प्रसूति हेतू 180 दिन यानी 6 माह तक 2 बच्चों तक देय है। तथा बच्चों के पालन पोषण हेतू 730 दिन तक पूरे वेतन पर दो बच्चों तक अलग से देय है। यह 730 दिन का अवकाश बच्चों के 18 वर्ष की उम्र होने तक due रहेगी। तथा एक कलेंडर वर्ष में 3 बार देय है। लेकिन एक बार में कम से कम 15 दिन का छुट्टी लेना होगा।
इसके अलावा गर्भ समापन अवकाश, चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर 6 सप्ताह तक पुरे वेतन पर पूरे सेवा काल में असीमित बार देय है।
नोट- गर्भ समापन का मतलब बच्चा ख़राब होने से है।

सहायक नि.-153
शासनादेश संख्या-2-2017, दि. 08.12.2008

चिकित्सा अवकाश- यह अवकाश स्थाई कार्मिकों को पूरे सेवा काल में 12 माह तक पूरे वेतन पर तथा 6 माह तक अर्ध वेतन पर देय है। 

मूल नि.-81-बी(3)

निजी कार्य पर, अर्ध वेतन पर अवकाश-

स्थाई कार्मिकों को यह अवकाश पूरे सेवा काल में 365 दिनों तक अर्ध वेतन पर देय है। यह अवकाश भी अर्जित अवकाश की तरह 1 जनवरी को 16 दिन तथा 1 जुलाई को 15 दिन कर्मचारी के खाते में जमा हो जाता है तथा यह अवकाश भी कर्मचारी के खाते में पुरा यानी 365 दिनों तक जमा किया जा सकता है।

मूल नि.-81-बी(3)

असाधारण अवकाश ( बिना वेतन का )-

यह अवकाश अन्य अवकाश के साथ मिलाकार अथवा बिना वेतन का अवकाश अलग से 5 वर्ष तक का देय है। 5 वर्ष से अधिक शासन द्वारा स्वीकृति किया जा सकता है।

मूल नि.-18, 81-बी(5)

विशेष बिकलांगता अवकाश-

यह अवकाश ड्यूटी करते समय दुर्घटना होने पर कूल 24 माह का निम्न प्रकार देय है।
1- प्रथम 6 माह पूरे वेतन पर। तथा यह 6 माह ड्यूटी मानी जायेगी।

2-119 दिन पूर्ण वेतन पर। लेकिन यह अवकाश माना जायेगा।

3-शेष 14 माह 1 दिन अर्ध वेतन पर देय है।

यह अवकाश किसी भी अन्य अवकाश घटाया नही जायेगा।

मूल नि.-83 तथा 83 ए
मूल नि.-9(6) ख (4)
मूल नि.-83 क (3) (ख)

राश्रीकृति अवकाश(commuted leave)-

यह अध्ययन अवकाश की तरह ही है। इसमें भारत में 45 दिन तक तथा भारत से बाहर 90 दिन तक पूरे वेतन पर देय है। लेकिन यह अवकाश निजी कार्य पर अर्ध वेतन पर जमा अवकाश में से दुगुनी घटाई जायेगी।

मूल नि.-81(बी)-4

आकस्मिक अवकाश-

यह अवकाश प्रत्येक कलेंडर वर्ष में 14 दिन देय है। तथा 2-3दिन का विशेष अवकाश भी स्वीकृति किया जा सकता है। एक बार में अधिकतम 10 दिनों की छुट्टी स्वीकृति हो सकती है। यह अवकाश कर्मचारी के खाते में जमा नही होगी। हर साल छुट्टी न लेने पर बची हुई छुट्टी स्वतः ही लेप्स हो जायेगी।
  ध्यान रहे यह अवकाश लेने पर बीच में पड़ने वाले अवकाश जैसे रविवार या अन्य छुट्टी को जोड़ा नही जायेगा।

सहायक नि.-201

संग अवरोध अवकाश-

यदि किसी कर्मचारी के परिवार के किसी सदस्य को संक्रामक रोग चेचक, हैजा, प्लेग, डिप्थीरिया,या मष्तिक ज्वर आदि हो जाये तो उस कर्मचारी को जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा संस्तुत अवधी के लिये यह अवकाश स्वीकृति किया जा सकता है। इसको ड्यूटी माना जाता है तथा पुरे वेतन पर देय है।  तथा किसी भी अन्य अवकाश में से घटाया नही जायेगा। यह अधिकतम 21 दिन तथा विशेष परिस्थियों में 30 दिन तक स्वीकृति किया जा सकता है।

सहायक नि.-202

12-प्रतिकार अवकाश-

यह अवकाश छुट्टी के दिन जैसे रविवार या अन्य छुट्टी के दिन ड्यूटी कराने पर उसके बदले देय होता है। यह अवकाश अराजपत्रित कर्मचारियों को देय है। तथा एक साथ 2 प्रतिकर अवकाश से अधिक देय नही है तथा यह 30 दिनों के अंदर लेना होगा। 30 दिन के बांड को आपके अधिकारी द्वारा शिथिल किया जा सकता है। यदि दो दिन हाफ दिन तक ड्यूटी कराया गया है तो इसके बदले एक ही प्रतिकर अवकाश मिलेगा।
नोट- स्वेच्छा से छुट्टी के दिन ड्यूटी करने पर यह अवकाश देय नही होगा।


एंटी रेबीज उपचार हेतू अवकाश-

यदि किसी कार्मचारी को पागल कुत्ता या अन्य जानवर काट ले तो उसे सरकारी चिकित्सक की संस्तुति पर पूर्ण वेतन पर अवकाश देय है। यह अवकाश किसी अन्य अवकाश से घटाया नही जाएगा। दिन की कोई सीमा तय नहीं है। डॉक्टर के द्वारा छुट्टी के दिनों की संख्या निर्धारित होगी।
मूल नि.-9(6) (क) (3)

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