भरत जी आपका कहना बिल्कुल सही है।एकतरफ माननीय मुख्यमंत्री जी कहते है कि बिना धरना आंदोलन के ही कर्मचारियो की समस्या का निराकरण किया जायेगा दूसरी तरफ आपके द्वारा कुछ मांगो पर सहमति देने के बाद अधिकारियो की लालफीताशाही से प्रदेश के अधयापको का शोषण हो रहा है।आपके द्वारा उक्त अधिकारियो पर कार्यवाही क्यो नही की जिन्होने आपकि सहमति के बाद भी स्थानांतरण नीति और विसंगतिरहित वेतन गणना पत्रक जारी नही किये।
जब तक संगठनों की आपसी खींचतान और अहम को दरकिनार नहीं किया जाएगा तब तक किसी भी तरह की आशा सरकार से रखना बेमानी है। एकजुटता के साथ सभी संगठन मिलकर जिस दिन अध्यापक हित में खड़े हो जाएंगे हमारी बात मान ली जायेगी या तो आपकी ताकत से सरकार मुश्किल में आ जायेगी।
सरकार को पता है हम संगठित नहीं हैं। हमने अपने स्वार्थ और श्रेय के लिए अपनी अलग राय बना ली है।
🙏कौशल क्रांतिकारी🙏
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