🌺 *अध्यापक साथियो से कुछ सवाल*🌺
🌺ब्रजेश शर्मा और आरिफ अंजुम ने इंदौर के सम्भागीय सम्मलेन 17 जनवरी 2016 को संक्षेपिका की विसंगति को उजागर कर 6 टे वेतनमान में विसंगति की बात कही थी।
🌺18 जनवरी 2016 को इंदौर में प्रेस कान्फ्रेन्स लेकर शासन को चेतावनी दी थी कि अगर वेतनमान में विसंगति होती है तो आंदोलन होगा।
🌺27 जनवरी 2016 को पुरे प्रदेश में रैली निकालकर ज्ञापन देकर शासन को चेताया।
🌺फरवरी माह में अध्यापक संयुक्त मोर्चे का गठन कर सभी संगठनो को आमंत्रित किया गया और *अध्यापक संयुक्त मोर्चा* का गठन किया गया।
🌺1 मई 2016 को भोपाल के शाहजहाँनी पार्क में मोर्चे द्वारा कहा गया अगर विसंगति होती है 5 वें दिन से आंदोलन होगा।
🌺31 मई 2016 को गणना पत्रक जारी हुआ । *वेतनमान में विसंगति नहीं, विसंगति में वेतनमान* नजर आया।अध्यापकों के दिल से एक ही आवाज आई *ये वेतनमान हमें मंजूर नहीं*।
🌺संयुक्त मोर्चे का कहना था कि 5 वें दिन से आंदोलन होगा और 5 जून को सभी जिलो में गणना पत्रक की होली जलाई गई। और उसके बाद से अपने हक़ के लिए लगातार लड़ाई जारी है।
🌺शासन द्वारा जगह नहीं मिलने पर भी भोपाल के मंदिर में आमरण अनशन कर आंदोलन की लो को जलाये रखा।
🌺सथियो क्या हमें अब भी अध्यापक संयुक्त मोर्चे का साथ नहीं देना चाहिए?
🌺क्या हमें अब भी 25 तारीख का इंतजार करना चाहिए?
🌺क्या *अध्यापक संयुक्त मोर्चा* की दूरदर्शिता पर हमको अभी भी शक है।
🌺क्या हम अब भी सरकार के हितों को साधने वाले संगठन का साथ देंगे।
🌺क्या हम ये कहकर कि *सभी संगठन एक हो जाओ तब हम साथ में आएंगे* ,अपनी जिम्मेदारियो से पल्ला नहीं झाड़ रहे है।
🌺क्या जो हमारे हित के लिए लड़ाई करे उसका साथ नहीं देना चाहिए?
🌺क्या हमारा जितना वेतन कटता है उससे ज्यादा का लाभ हमें नहीं होता है?
साथियों *लकड़ी का गट्ठर* बनाने में ही फायदा है न कि *लकड़ी* बनने में। बाकी आप सभी बुद्धिजीवी है।
एक आम अध्यापक।
No comments:
Post a Comment