M शिक्षा मित्र एप का सामूहिक बहिष्कार
साथियों, यह केवल शासकीय अधिकारियों व कर्मचरियों के लिए है, हमारा तो कोई विभाग ही नहीं है, नियुक्ति की पंचायत विभाग ने,काम करना पड़ता है हर विभाग का चाहे वो पंचायत, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, और भी अन्य ही क्यों न हो। हमारी स्थिति शासकीय बंधुआ मजदूर के समान है, सरकार ने जब चाहा, कहीं भी ड्यूटी लगा दी जाती है। इसलिए हमें शासकीय सेवकों की तरह वेतन नहीं दिया जाता, हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है, शासकीय कर्मचरियों को सही ग्रेड पे के साथ निर्धारित वेतन, पर वेतन के नाम हमारे लिए हर आदेश तोड़ मरोड़ कर अलग से वर्षों बाद निकाले जाते हैं।
शासन की यह भेदभाव पूर्ण नीति, छुआछूत से कम नहीं है जो बंधुआ मजदूर जैसी प्रतीत होती है, हर विभाग के काम हमें करने के आदेश दे दिए जाते हैं, वेतन के नाम पर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचरियों से कम छांट कर दिया जाता है
सफाई कर्मचारी केवल सफाई ही करता है उसके बाद आराम, पर हमें हर विभाग के काम तत्काल प्रभाव से करने दिये जाते हैं
शासन हमें हर विभाग की तरह वेतन क्यों नहीं देती, हर विभाग के काम की मजदूरी काम पूरा होने के बाद साल छह महीने में थमा दी जाती है
अब सरकार हम पर यह एप थोपने जा रही कि हम समय पर पहुंचे या नहीं बाकी लोगों को इससे छूट मिल जाती है
इसके पालन के हर विभाग में सार्वजनिक मोबाइल फोन या मशीन रखना चाहिए जिससे सभी की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित हो सके
या हमारे सभी साथियों को एक एक एन्ड्राड मोबाइल बैलेंस सहित प्रदान करे
हमारा मोबाइल निजी संपत्ति है इस पर सरकार का कोई हक नहीं है
इसलिए यह आदेश हम पर नहीं थोपा जा सकता है
यदि सरकार जबरन करती है तो हमें न्यायालय की शरण लेना चाहिए।
ध्यानाकर्षक
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हम सभी अध्यापक एम-शिक्षा मित्र से ई-अटेन्डेस लगाने निम्नलिखित शर्त पर तैयार हैं - :
(1) शिक्षा विभाग में बिना शर्त सँविलियन।
(2) नियमित शिक्षकों जैसी समस्त शासकीय सुविधाएं।
(3)शिक्षाकर्मी /संविदा शिक्षक नियुक्ति से वर्तमान तक का नियमित वेतनमान से एरीयर्स का भुगतान।
(4)मासिक नेट बेलेंस/मोबाईल 📲 खर्च भत्ता।
(5)शिक्षण के अलावा सभी गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्ति।
(6)मध्यप्रदेश के सभी विभागों के समस्त कर्मचारियों को भी ई-अटेन्डेस अनिवार्य करे।
समस्त साथियों एकसाथ आवाज 🔉 उठाओ बहिष्कार करो।
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