👊संघों की खींचतान के दरम्यान.........आस प्रमुख का फिर से बदला बयान.................✍
👉साथियों आज भरत पटेल के तेवर ठंडे पड़ गए है।आज मोर्चा अपने बलबूते पर हर छोटी से छोटी अध्यापकों की समस्याऐ ब्लाक स्तर से प्रदेश स्तर पर ध्यानकेन्द्रित कर आवाज उठा रहा है।साथियों आज बार बार तारीख घोषित कर भरत पटेल की कथनी करनी का पर्दाफाश हो चुका है।इनके नकली चेहरे से नकली नकाब उठ चुका है।जहाँ तक विरोध का सवाल है।तो वर्तमान कलयुग में सत्य का ही सबसे अधिक विरोध होता है।और आज मुझे पूर्ण उम्मीद है कि भरत जी के अंधभक्त इस मेरी पोस्ट का फिर से विरोध जरुर करेगे।लेकिन विरोध के डर से एक कलमकार योध्दा भयविहीन होकर सच्चाई लिखने का ही साहस करता है।एक कलमकार अपने विचारों से क्रांति पैदा करता है।विरोध की परवाह नही करता।मुझे पूर्ण विश्वास है।इस सत्यता के जहर के इंजेक्शन से अंधभक्तों की मानसिकता में जरुर पूर्ण लाभ होकर बदलाव होगा।भरत जी आप निरन्तर अध्यापकों को भ्रमित करने वाली बदलती बयानबाजी की एक दो लाईन फेसबुक पर लिखकर ये सोचते है।कि हमसे बड़ा सरकार का वफादार कोई नही।यहीं सोच आपके नेत्तव की इज्जत में कमी पैदा कर रही है।लेकिन आप हकीकत में ही शेर है।आपकी बार बार निरन्तर बदलती बयानबाजी की निम्नता की बर्बरता पर भी आप शर्मिन्दा नही होते।मैं आपकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता हूँ।क्या कारण है कि आपकी बयानबाजी सरकार के पक्ष में अधिक......अध्यापकहित में क्यूं नही।......क्या प्रेम है।सरकार से आपका .....क्या रिश्ते है इनसे आपके......इन रिश्ते नातों को उजागर क्यूं नही करना चाहते।इस समय आपकी कार्यशैली से ऐसा प्रतीत होता है।कि आप हमारे अधिकारों को कुचलकर महत्तवाकांक्षा के कवच में लिपटकर अपना राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति करना चाहते हो।इसके शिवाय और कुछ नही।आपकी कार्यशैली ने समूचे अध्यापक जगत को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है।कि आपके नेत्तव की सोच अध्यापकहितेषी न होकर राजनीतिक सत्ता प्राप्ति की चाहत से बढ़कर कुछ नही।
कौशल क्रांतिकारी चम्बल
जय विस्मिल। । जय चाणक्य
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