– अहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों(राकेश अग्निहोत्री)सवाल दर सवाल(नया इण्डिया)
सब हैडिंग – बोले शिवराज, जो कहा वो करूंगा
चीन िरटर्न शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर यह कहकर कि जो कहा वो करूंगा यानी जो वादा किया वो निभाऊंगा… इस महीने के अंत तक कैबिनेट िवस्तार की अपनी उस बात पर मुहर लगा दी जो उन्होंने रीवा प्रदेश कार्यसमिति के दौरान नेता और कार्यकर्ताओं से मुखातिब होकर कही थी… विदेश यात्रा से लौटे चौहान का आत्मविश्वास देखने लायक था… तो दिनभर की व्यस्तताओं के बीच उनकी भाव भंगिमाएं भी उनकी सियासी परपक्वता जाहिर कर यह बता गई कि वक्त के साथ खुद को ढालने में माहिर शिवराज हरफनमौला और िबंदाज हैं… जो ढान लेते हैं वो करके दिखाते हैं… ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि शिवराज का कैबिनेट विस्तार आखिर क्या संदेश देगा…
रविवार की छुट्टी के बाद भी शिवराज सिंह चौहान ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद खुद को व्यस्त रखा… चाहे फिर वो स्वागत की औपचारिकता के बाद सीएम हाउस में बुलाई गई पत्रकार वार्ता हो या फिर बीजेपी कार्यालय में आपातकाल की याद ताजा करने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में मीसाबंदियों का कार्यक्रम हो या फिर सियासी उठापठक से दूर भूलेबिसरे गीतों पर केंद्रित ईटीवी के खास कार्यक्रम में शिवराज की बिंदास मौजूदगी… ये संकेत दे गई कि न तो वो थके हैं और न ही दिमाग में कोई उलझन और तनाव पाले हुए हैं… यानी उनका एजेंडा साफ है कि वो कैिबनेट का विस्तार करने जा रहे हैं… स्टेट हैंगर पर उनकी अगवानी के लिए कैबिनेट के कई सहयोगियों के साथ नई कैबिनेट में शामिल होने वाले दावेदार और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में चौहान का अंदाज देखने लायक था… जिसमें आत्मीयता और अपनेपन के बीच किसी को कोई ज्यादा तवज्जो और तरजीह देकर उसे अपने सिर पर बैठाने वाली नजर नहीं आई… यानी उन्हें क्या करना है वो इस बात से प्रभावित नहीं होगा कि कौन उन्हें शक्ल दिखाने और हाजिरी लगाने के लिए आया है… जहां तक बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की है तो फोकस उन्होंने पूरी तरह अपनी चीन यात्रा पर किया… और कम्युनिस्ट पार्टी के बुलावे पर इस यात्रा की उपलब्धियों को सामने रखते हुए यह साफ कर दिया कि वो एनएसजी पर चीन के रवैये से अंजान नहीं हैं… बावजूद इसके दोनों देशों के संबंधों में मजबूती को जरूरी बता गए… शायद शिवराज जानते थे कि चीन यात्रा तो एक बहाना है मीडिया उनसे कैबिनेट विस्तार पर सवाल करेगा और शायद वो यह मानस बनाकर आए थे कि इसका उत्तर सकारात्मक तौर पर कैसे देना है…तो उन्होेंने साफ कर दिया कि जो कहा वो करूंगा… समय अवधि यानी जून के अंत तक से जुड़े सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद जब ज्यादा कुरेदा गया तो सीएम अपने वादे पर यह कहकर अडिग नजर आए कि इरादे दृढ़ हैं और एजेंडा सेट है… शपथ कार्यक्रम को लेकर एक-दो दिन दायें-बायें हो सकते हैं क्योंकि इस बीच वो एक दिन के लिए पीएम से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे… जाहिर है कि मध्यप्रदेश में 12 साल पूरे कर चुके शिवराज पर किसी नेता विशेष या फिर संगठन का न तो दबाव हो और न ही कोई वीटो लगाने की स्थिति में है… बावजूद इसके वो 4 दिन में नंदकुमार सिंह चौहान, सुहास भगत और पूर्व सीएम के साथ कुछ केंद्रीय नेताओं को जरूर भरोसे में लेना चाहेंगे… शिवराज को जब याद दिलाया गया कि दिल्ली में कैबिनेट विस्तार की अटकलें जोरों पर हैं और पीएम ने अपने मंत्रियों को परफॉर्मेंस रिपोर्ट के साथ 30 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पूरी तैयारी के साथ बुलाया है… तो क्या आपके कैबिनेट विस्तार का आधार भी परफॉर्मेंस होगा… सवाल चौकाने वाला था लेकिन शिवराज ने इसे पहले से जारी प्रक्रिया का हिस्सा बताकर यह संदेश दिया कि मंत्रियों के काम काज पर नजर पहले भी थी आज भी है और आगे भी रहेगी… पीसी के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती राज्यपाल रामनरेश यादव के स्वास्थ्य की जानकारी लेना वो नहीं भूले… तो बीजेपी कार्यालय में मीसाबंदियों के कार्यक्रम में लंबा समय बिताया और आपातकाल से जुड़ी अपनी यादों को ताजा किया… इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी उनके साथ मौजूद थे… जो पहले ही सीएम हाउस जाकर उनसे मुलाकात कर चुके थे… चीन से लौटने के बाद जब वो मीडिया को कैबिनेट विस्तार की खबर दे चुके थे उसके बाद उनका हरफनमौला अंदाज ईटीवी के उस कार्यक्रम में देखने को मिला जहां भूलेबिसरे गीत ने माहौल पूरी तरह बदल दिया था… इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान और ईटीवी के हेड जगदीश चंद्रा की कैमिस्ट्री देखने लायक थी… दोनों एक दूसरे की तारीफ करते हुए नजर आए…. सीएम इस दौरान खुद को गुनगुनाने से नहीं रोक पाए और अक्सर आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं गुनगुनाने वाले शिवराज ने जो गीत गाया वह था, अहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों… ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों… शायद शिवराज पुरानी यादों में खो गए थे… और उन्हें कुछ मिनिट पहले ही जगदीश चंद्रा ने अहसास दिलाया था कि 13 साल में आपने सारे कीर्तिमान तोड़ दिए हैं… तो शायद यह जवाब था जिसमें संदेश शुभचिंतकों और समर्थकों के लिए ही नहीं बल्कि सहयोगी नेताओं और उस हाईकमान के लिए भी जिसने उनकी योग्यता, दूरदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही-समर्पण को समझा और जिसने कई चुनाव जिताकर मध्यप्रदेश के इतिहास में एक नया अध्याय रचा… शायद यह दिल की आवाज थी जो उनकी जुबां से निकल गई जिसमें वो हर वर्ग विशेष का अहसान मानने को तैयार हैं… जिन्होंने उन्हें समर्थन ही नहीं प्यार दिया… कुल मिलाकर अब उन शंका-कुशंकाओं पर विराम लग जाना चाहिए जो उनके किए गए वादों पर यह कहकर सवाल खड़े करते रहे कि कहने के बाद भी वो कैिबनेट का विस्तार नहीं कर रहे या फिर नहीं कर पा रहे… देखना होगा कि शिवराज ने जो वादा किया है उसको इस महीने के अंत तक यानी अगले 4 दिन में किस तरह निभाकर संदेश देते हैं कि उनके दिल्ली जाने की अटकलों पर अब पूर्णविराम लग जाना चाहिए
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