👊छलावे से दूर रख..... ....हमें हमारे पुराने हाल पर छोड़............... अलविदा कह दो......................................✍
आज व्हाटसेप के पन्ने से भरत जी की पोस्ट पढी़।जिसमें कहाँ गया कि आजाद ने सभी संघ संगठन मोर्चा को एकजुट करने का प्रयास किया।लेकिन में कहता हूँ ।आपने एकजुटता का नही अपितु विखण्डन का प्रयास कर मोर्चे के आंदोलन को असफल करने का पूर्ण प्रयास किया।अब 25 जून से आंदोलन की घोषणा क्यूं...???आपका तो कहना है कि माननीय मुख्यमंत्री पर भरोसा रखे।लेकिन आप अपना भरोसा जरुर खो चुके है।मुझे नही लगता कि आप 25 जून से भी आंदोलन कर पाऐ।आपका बार बार कार्यक्रमों की घोषणा फिर अचानक निरस्त करना मेरी समझ से परे है।मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा 25 जून का घोषित तय आंदोलन कार्यक्रम भी निरस्त किया जावैगा क्यूंकि मैं क ई महीनो से आपकी बार बार बदलती बयानबाजी देख रहा हू।आपने प्रदेश के अध्यापकों का विश्वास खो दिया है।आपका मतलब साफ है।फितरत फैलाओ आम अध्यापकों को गुमराह करों और मोर्चे के आंदोलन को तोड़ो।
भरत जी आपसे प्रदेश के 2 लाख 80 हजार अध्यापकों की ओर से मैं अपील करता हूँ।कि आप छटवे वेतनमान का बड़म्पन न लेते हुये इसे खारिज करवाऐ।प्रदेश के अध्यापको को छटवा वेतनमान नही चाहिये।उसे अपने पुराने हाल पर छोड़ दो क्यूंकि इस वेतनमान में अध्यापकों को वेतन बढ़ने की बजाय कम हो रहा है।इससे तो बेहतर हमारा 2017 में किश्तों का समायोजन वाला वेतन लाख गुना अच्छा है।हमें नही चाहिये छटा वेतनमान ।और साथ ही हमारे कटे हुये वेतन को वापिस दिलाये।अब आपके मोहमाया से हम दूर रहना चाहते है।आपका असली चेहरा हम देख चुके।तुम्हारी बाजुओ का दम देख चुके है।तुम्हारी भुजाओं का अंहकार हम देख चुके है।जनाब यदि आप हमारा पुराना किश्तवाला वेतन व कटा वेतन न दिला पाऐ तो चम्बल की इस कलम को अपने जीवन में आत्मसात कर हमारी दुनियाँ से दूर चले जाऐ।अब हमें तुम्हारी कोई जरुरत नहीं।
आपका कौशल क्रांतिकारी चम्बल
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