💌 *खून पत्र* 💌
कल शाम को
सागर में अध्यापकों ने अपने खून से हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख कर आपनी व्यथा का वर्णन किया है। यह व्यथा इन्ही अध्यापकों की नहीं है, यह व्यथा सभी अध्यापकों की है.... कुछ व्यक्त करते है और कुछ उस व्यथा को व्यक्त भी नहीं कर पाते। अब समय यह नहीं की सभी इस तरह के कार्य छोटे छोटे समूहों में हों... एक साथ पुरे प्रदेश के एक इकाई के रूप में यह पत्र लिखा जाना चाहिए ताकि मंत्री जी तक हमारे साथियों की और हमारी बातें पहुच सकें। यह तभी संभव है जब *अध्यापकों के सभी संघ संग हो कर कार्य करें, अध्यापक एकता को स्थापित किया जाएँ।*
*हम अध्यापकों* को ये खून पत्र यह आवाज भी दे रहे है की इस तरह से आपने समय और शक्ति को बर्बाद ना कर एकता का परिचय दे अन्यथा अनेकता हमें लक्ष्य तक नहीं पहुचने देगी। पत्रों को खून से लिखने का मतलब मैं यहाँ बताना चाहुगा
*सागर के अध्यापकों ने जो पत्र लिखे है वो खून से है, खून का रंग सुर्ख लाल होता है, खून के लाल रंग से पत्र लिखने का मतलब है "एक क्रांति की फिर से शुरुवात।"*
साथियों आगे क्या करना है आप सभी को सोचना है। हमें आपने शैक्षनिक कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए अपनी अलख को जलाये रखना है और
हमें आपनी अध्यापक एकता को बनाये रहें।
*जय आजाद।*
*हरिगोविन्द मिश्रा*
*संभागीय प्रवक्ता(आस),*
*सागर।*
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