हम न रुकेगे न झुकेगे अब केवल सरकार से लड़ेगे
अब बक्त नही घर बैठने का.....
अब वक्त नही एक दुसरे को कोसने का.....अब वक्त नही संघवाद में भटकने का.....अब वक्त नही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का...अब वक्त नही रुकने का..
अब वक्त है एकजुटता से लड़ने का...
अब वक्त है सरकार से अधिकार पाने का....
अब वक्त है।सरकार से प्रतिशोध लेने का जिसके कारण हमारी नाक कटी...अब वक्त है आगे बढ़ने का..
उठो!चल पड़ो अपनी मंजिल पाने के लिये ,सरकार से यलगार करने के लिये ।यदि आप ऐसा नही कर पाये तो तुम्हारी आत्मा की आवाज तुम्हें कभी माफ नही कर पायेगी।तुम चूल्लू भर पानी मे डूबने का भी अधिकार खो दोगे।तुम्हारा समाज तुम्हें अध्यापक समाज से भी बहिष्कृत कर देगा।तुम समाज मे रहने का भी अधिकार खो दोगे।कलयुग के धृतराष्ट्र मत बनो आज द्रोणाचार्य ,कृपाचार्य,भीष्म पितामह बनने की आवश्यकता है।स्वाभिमानी अध्यापक बनने की आवश्यकता है।ये वक्त घर में बैठकर चुप्पी साधने का नही है।यह वक्त संघवाद में बटने का नहीं।यह वकत होसले टूटने का नहीं।यह वक्त कायर बनने का नहीं।अब आंदोलन शबाब पर है।बिना मेहनत के तख्तो ताज नही मिलते।यह वक्त शहीदो को याद करने का है।यह वक्त सरकार की तानाशाही से लड़ने का है।यह वक्त रक्त बहाने का है।यह वक्त 2015 के संघर्ष को आगे बढ़ाने का है।यह वक्त चाणक्य के इतिहास को दोहराने का है।यह वक्त अपनी तकदीर बदलने का है।यह वक्त अंतिम विजय का है।
कुछ बनना कायर मत बनना अंतिम विजय तुम्हारी होगी।अगर पराजय भी हो तो कल फिर से तैयारी होगी।हम आगे बढ़ चुके है।अब हम रुकेगे नही।
आपका कौशल क्रांतिकारी चम्बल
अब वक्त नही एक दुसरे को कोसने का.....अब वक्त नही संघवाद में भटकने का.....अब वक्त नही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का...अब वक्त नही रुकने का..
अब वक्त है एकजुटता से लड़ने का...
अब वक्त है सरकार से अधिकार पाने का....
अब वक्त है।सरकार से प्रतिशोध लेने का जिसके कारण हमारी नाक कटी...अब वक्त है आगे बढ़ने का..
उठो!चल पड़ो अपनी मंजिल पाने के लिये ,सरकार से यलगार करने के लिये ।यदि आप ऐसा नही कर पाये तो तुम्हारी आत्मा की आवाज तुम्हें कभी माफ नही कर पायेगी।तुम चूल्लू भर पानी मे डूबने का भी अधिकार खो दोगे।तुम्हारा समाज तुम्हें अध्यापक समाज से भी बहिष्कृत कर देगा।तुम समाज मे रहने का भी अधिकार खो दोगे।कलयुग के धृतराष्ट्र मत बनो आज द्रोणाचार्य ,कृपाचार्य,भीष्म पितामह बनने की आवश्यकता है।स्वाभिमानी अध्यापक बनने की आवश्यकता है।ये वक्त घर में बैठकर चुप्पी साधने का नही है।यह वक्त संघवाद में बटने का नहीं।यह वकत होसले टूटने का नहीं।यह वक्त कायर बनने का नहीं।अब आंदोलन शबाब पर है।बिना मेहनत के तख्तो ताज नही मिलते।यह वक्त शहीदो को याद करने का है।यह वक्त सरकार की तानाशाही से लड़ने का है।यह वक्त रक्त बहाने का है।यह वक्त 2015 के संघर्ष को आगे बढ़ाने का है।यह वक्त चाणक्य के इतिहास को दोहराने का है।यह वक्त अपनी तकदीर बदलने का है।यह वक्त अंतिम विजय का है।
कुछ बनना कायर मत बनना अंतिम विजय तुम्हारी होगी।अगर पराजय भी हो तो कल फिर से तैयारी होगी।हम आगे बढ़ चुके है।अब हम रुकेगे नही।
आपका कौशल क्रांतिकारी चम्बल
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