कई दिनो के इंतजार के बाद अध्यापको के लिए 6टे वेतनमान का गणना पत्रक जारी हुआ। परंतु गणना पत्रक के विसंगतिपुर्ण होने के कारण अध्यापको मे रोष व्याप्त है। सभी संगठनो ने विसंगतिपुर्ण गणना पत्रक के निंदा की । विदित हो की विगत कुछ माह पूर्व 6टे वेतनमान के लिए अध्यापको ने आंदोलन किया था।
ब्रजेश शर्मा
31/05/2016 नमस्कार
साथीयो छठवें वेतनमान का गणना पत्रक जारी हो गया है और प्रथम दृष्टया उसमें देखने पर विसंगति प्रतीत हो रही है अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा अपनी बात (विसंगतीपूर्ण आदेश के पॉचवे दिन से आन्दोलन ) पर कायम है और शीघ्र ही अपना अगला कार्यक्रम घोषित करेगा ! विसंगति पूर्ण आदेश निकला है इसकी एक खबर बनाकर सभी अपने जिलो के अख़बारों में देख सकते है !
गणना पत्रक में किस प्रकार की विसंगति है इसका अवलोकन आरिफ अंजुम साहब जी आदेश विश्लेषण समूह के साथ कर रहे हैं उनका घणनापत्रक विसंगति की पोस्ट शीघ्र आ रही है इंतजार करें और फिर विसंगति के बारे में सही जानकारी मिलेगी ! ब्रजेश शर्मा प्रान्ताध्यक्ष अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा
राज्य अध्यापक संघ म.प्र.ने किया आंदोलन का आगाज
प्रिय अध्यापक साथियों,
सादर वंदे।। राज्य अध्यापक संघ म.प्र. के प्रांताध्यक्ष श्री जगदीश यादव जी से दूरभाष पर प्राप्त सुचना अनुसार म.प्र.शासन द्वारा अध्यापक संवर्ग हेतु बहुप्रतीक्षित छटे वेतन की जारी गणना शीट में वरिष्ठता दिनांक से वरीयता न होना, सहायक अध्यापक को 7440+2400 एवं वरिष्ट अध्यापक संवर्ग को 10230+3600 से कम वेतन स्वीकार्य नही किया जाएगा। राज्य अध्यापक संघ म.प्र. जारी गणना के विरोध में व्यापक आंदोलन करेगा, जिसके तहत राज्य अध्यापक संघ म.प्र. द्वारा आंदोलन का आगाज करते हुए कल दिनांक 01 जून 2016 को सम्पूर्ण प्रदेश में ब्लाक एवं जिला स्तर पर जारी गणना शीट की होली जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा । राज्य अध्यापक संघ म.प्र.की समस्त जिला इकाई एवं ब्लाक इकाई से निर्देशित करते हुए समस्त अध्यापक साथियों से अपने हक की लड़ाई में आगे आकर सहयोग प्रदान करते हुए आंदोलन आंदोलन का आगाज करने में महती भूमिका का निर्वहन करेंगे। राज्य अध्यापक संघ सदैव अध्यापक हित मे हर पल, हर कदम आप सभी के साथ है।। आपका अपना - जगदीश यादव प्रांताध्यक्ष,
राज्य अध्यापक संघ म.प्र.
सौजन्य से -
सियाराम पटेल, आई टी सेल राज्य अध्यापक संघ म.प्र.
( सीधे धार से प्रवीण कुमार चौहान की कलम 👉🔎✒ )
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।।।। 👉त्वरित टिप्पणी👈 ।।।।
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विसंगति पर भरो अब सब हुंकार... हो जाए अब सरकार से आर-पार...
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सरकार ने संघो की चुनौती की नाक काटी है...अब संघ सरकार को घुटने के बल झुकाए तो जाने...!
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संघो की जद्दोजहद और चुनोतियो को नकारते हुए एक लम्बे इंतजार के बाद आज अध्यापको के 6 ठे वेतनमान का गणना-पत्रक सरकार ने जारी कर यह दिखा दिया कि जो कुछ भी होगा..."सरकार की इच्छाशक्ति से होगा। सरकार ने वही किया...जो सरकार के मन मे पाप था... जैसी कि आम अध्यापको को और सभी संघो को यह आशंका थी कि विसंगति होगी ...और विसंगति आज देखने को मिली भी सही... अब संघ क्या करेगे...? यह देखने वाली बात होगी...क्या संघ आम अध्यापको के भरोसे को कायम रख पाएगे ? यह यक्ष प्रश्न हम सब के समक्ष मुँह बाएँ खड़ा है।
सरकार ने पाँच माह विसंगति का जाल बुनकर आज दो लाख अस्सी हजार अध्यापको को एक बार फिर अपने शोषण के जाल मे अतत: फसा ही लिया। सरकार के फैसले के बाद आम अध्यापको के हाथ मे निराशा के सिवाय कुछ नही है ...यदि कुछ है तो बस संघो की सांत्वना और उनका यह आश्वासन कि हम सरकार के इस निर्णय के खिलाफ सड़को पर लड़ेंगे...इस काले वेतन तालिका के आदेश को स्वीकार नही करेगे...संघो के विरोध के इस एलान का स्वागत है...लेकिन आपस मे फूट के फूटबाल बने संघ कैसे लड़ेगे...! यह विचारणीय विषय है।
रास पर पूरा भरोसा नही कि वह सरकार के खिलाफ सड़को पर विरोध-अनशन कर शुरू दे...अब बचा संयुक्त मोर्चा और आस जैसे संगठन जो सड़को पर आकर सरकार को हिला सकते है।मगर यहाँ भी दोनो मे वैचारिक मतभिन्नता और श्रेय की प्रतिष्ठा प्राप्त करने की प्रतिस्पर्धा है...एसे मे आम अध्यापको की लड़ाई मे संघो की एकजुटता का अभाव है।
पाँच माह से रास, आस, और संयुक्त मोचाॅ ताल ठोक-ठोककर सरकार को चुनौती और आम अध्यापको विश्वास दे रहे थे कि, यदि विसंगति हुई तो हम सहन नही करेगे।आज वेतन तालिका आदेश के साथ ही यह सिद्ध हो गया कि अध्यापक संवगॅ के वेतन मे भारी विसंगतियाँ हुई है।सरकार ने आज संघो की चुनौती, ललकार और धमकियो को दरकिनार करते हुए बेखौफ होकर विसंगति से भरी वेतन-तालिका जारी कर संघो की चुनौती के मुँह पर तमाचा जड़ दिया है...या यह कहूँ कि संघो की चुनौती, ललकार की सरकार ने नाक काटकर रख दी, तो अतिशयोक्ति नही होना चाहिए।अब संघो को बगैर देर किए सरकार के विरूद्घ एकजुट होकर आर-पार के आन्दोलन का आगाज कर देना चाहिए।यह आज के वक्त की माँग है।लोहा गमॅ है इस गर्म लोहे पर जल्दी ही हतोड़े की चोट मार देना चाहिए। वरना देर होने पर नुकसान आम अध्यापको का अधिक होगा।सभी संघ इस वक्त एकजुटता के साथ मेदान मे आए तो, यह आम अध्यापको के हित मे और संघो के स्वास्थ के लिए बेहतर समय होगा।यही विनती है। ( 👉लेखक स्वतंत्र विचारक है।👈 )
राज्य अध्यापक संघ को आज जारीआदेश स्वीकार्य नहीं है , आदेश की प्रतियो की होली जलाएंगे :- जगदीश यादवराज्य अध्यापक संघ को आज जारी आदेश कतई स्वीकार्य नहीं है ,राज्य अध्यापक संघ कल सम्पूर्ण प्रदेश में इस नियमावली की होली जलाएगा । यह आदेश अपूर्ण है , न तो समान वेतन मान है न ,ही छठा । वेतन निर्धारण के उदाहरण कें लिये जारी परिशिष्ट से स्पष्ट है की सहायक अध्यापक का न्यूनतम वेतन 7440 +2400 से प्रारम्भ होना चाहिए था । वरिष्ठ अध्यापक का न्यूनतम वेतन 10230+3600 से प्रारम्भ होना चाहिए था । लेकिन आदेश में 5200+2400 और 9300 +3600 का उल्लेख है। सेवा की गणाना 1 अप्रैल 2007 की स्थिति में की जाकर 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को अतिरिक्त वेतन वृर्द्धि का कोई उल्लेख नहीं है । पदोन्नति में सेवा की गणानां पदोन्नति दिंनाक से करने पर उस अध्यापक को भारी नुकसान होगा जो , पदोन्नति में वरिष्ठ पद का न्यूनतम वेतन से अधिक प्राप्त कर रहा हैं ,वह न्यूनतम पर आजायेगा । क्रमोन्नति के लिए कोई वेतन नहीं बताया गया है । अभी भी वेतन निर्धारण पत्रक जारी नहीं किया गया है । वही पत्रक सेवा पुस्तिका में लगेगा,वही वरिष्ठ कार्यालय जाएगा । राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री जगदीश यादव ने कल सम्पूर्ण प्रदेश में इस आदेश की प्रतियो की होली जलाने का आव्हान किया है । इस के बाद आगामी रणनीति तय की जायेगी।
Arjun Binjhade
प्रदेश के साथियों सरकार ने पुनः हमारे साथ छलावा किया है।सरकार के मुख्यमंत्री मामा ने मामू बना दिया है।मामू बनाओ गणना पत्रक जारी किया है।आप सब लोगों ने विसंगति को लेकर आदोलन किया था।इसके बावजूद भी सरकार ने हमारी बात को अनसुनी कर दी और आँख मुदकर गणना पत्रक जारी दिया है। साथियों इस गणना पत्र से एक रुपया लाभ नहीँ है बल्कि उलटा नुकसान है।5तारीख़ को विधान सभा घेराव सभी संघ मिलकर कीजिए तब सरकार के आँखें खुलेगी।माननीय मुख्यमंत्री जी से संयुक्त मोर्चा संघ की अपील है विसंगति को दूर करने की पहल अवश्य करे।जिलाअध्य बालाघाट संयुक्त मोर्चा
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