🙏कौशल क्रांतिकारी चम्बल🙏
कुछ पाखंडियों के कारण आज अध्यापकों को भ्रमित कर अपनी राजनीति को गर्माया जा रहा है।इनका अध्यापकहित से दूर दूर तक कोई नाता नही है।ये चाटुकार अंधभक्त अपने स्वामी की वाहवाही कर मोर्चे पर निशाना साध रहे है।इनको डर है कि यदि हम मोर्चे में शामिल हो गये तो हमारा बजूद खत्म हो जायेगा।ये वही स्वयंभू लोग है जिन्होने व्हाटसेप पर अपना स्वयं ही सर्वे कर स्वयं को सर्वश्रेष्ठ समझते रहे।लेकिन इनके सर्वे की पोल सागर सम्मेलन में उजागर हुई जो लोगो के समक्ष है।इन लोगों के द्वारा मीटिंग मीटिंग का खेल खेला जा रहा है।ये वे लोग है जो कभी भी अपने वादे पर कायम ही नही रहे।👇
👉पूर्व में विसंगति न दिखना लेकिन आज विसंगति की बातें
👉मेरिज व्यूरों जो असफल रहा
👉कोचिंग की बात जो जमीन पर दिखी ही नही
👉सिम का धंधा केवल कमीशन खाने का उद्देश्य
👉मर्दानगी की बाते कर बहनों का अपमान
👉बार बार तारीख देकर दिलाशा देते रहे केवल समय पास
👉लेकिन गणना पत्रक आज तक नही निकलवा सके।
👉इससे पहले सरकार हमारे पाले में....माननीय मुख्यमंत्री जी पर विश्वास रखे.......कोई विसंगति नही...आंदोलन के समय कहते थे एक तरफ प्रदेश का अध्यापक होगा...एक तरफ प्रदेश का मुखिया होगा....आमने सामने बैठकर बात होगी।
👉बात तो मजे कि यह है कि आमने सामने बात करने की दहाड़ देते रहे स्वयं के पदाधिकारियों का वेतन नही कटा और आमजन का वेतन कटवा के राजनीति की।अब चूहे बन बिल में बैठ केवल तारीखों का खेल करना धरना कुछ नहीं।और आरोप मोर्चे पर
👉और जब भी कुछ मोर्चे ने करना चाहा तब इन दलालों ने रुकाबट पैदा कर बाधक बने।
👉अरे!सरकारी दलालो सुनो मोर्चा वह है जिसने सबसे पहले विसंगति की बात उठाई......जिसने सबसे पहले गणना आदेश की समीक्षा कर ठीक पांचवे दिन आंदोलन की घोषणा
👉अब आपका चाल चरित्र चेहरा लोगो के सामने है।हर कदम पर झूठ ....अरे!पाखंडियों मोर्चे का तो साफ स्वच्छ बेदाग खुला खेल है।खुली किताब है जब चाहे पढ़लो ।मोर्चे पर आरोप लगाने से पहले अपना चेहरा स्वच्छ गंगाजल से धोकर साफ व पवित्र करो उसके बाद बात करो पाखंडियों।अब आपकी राजनीति खत्म अब अध्यापक सबकुछ जान चुका है।
👉अब सरकारी प्रवक्ता ....सरकारी एंजेट...केवल घोषणा वीर............ .....हकीकत में ये लोग अब कुछ नही कर सकते ...सच यही है।इन्हें दरकिनार करिये....मोर्चे के साथ आगे बढ़िये...अब मोर्चे पर आरोप जबकि 20 तारीख को आमंत्रित किया था मोर्चे के गठन पर और आज आरोप....यदि कुछ भी कहना था तो बैठक में आके बोलते ...इनका मतलब केवल हमारा संघ ही स्पेशल ....अन्य संघ जो मोर्चे की बैठक मे आये वो बेबकूफ....
👉मैं जानता तुम हमेशा बहाना ढूड़ोगे यही सत्य है जो लोग कुछ करना नही चाहते वो केवल बहाना ही ढूढ़ते है।यह आपकी मजबूरी है।क्यूंकि आपका नेतत्व अब सरकार की कठपुतली बन गया है ।
(मोर्चे का सिपाहीं)
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