ये आभार व्यक्त करने के सिलसिले, ये बधाइयों का ताता। ये श्रैय लेने की होड इन सभी के बीच किसी पृष्ठ के हसिऐ पर पडा सा मै संविदा यही सोच के संकुचा रहा हू की तुम भी मेरे साथी थे या सिर्फ मै ही तुम्हे अपना मानने की भूल करता रहा।
रह रह के याद आता है तुम्हारा वो वादा " ना बिकेंगे , ना झुकेंगे " तुम्हारे इसी वादे पर सब कुछ दाव पर लगा दिया था मैने। तो फिर क्यू ह्रदय मे संशय भरे प्रश्न उठते है। अब यदि तुम्हे शंका हो मेरी निष्ठा पर तो बात अलग है।
जीत का सहरा जिनके सिर भी बांधना है बांध दो पर कोई तो मेरी हार की जिम्मेदारी लो। मै भी अवगत हो सकू मेरी कमियों से, तुम्हारा साथ देने मै कहा कमी छोडी मैने ? अब ये छदम आश्वासन की आस मुझे मत देना बहुत अन्दर तक टूटा चुका हूँ इस बार उठुंगा तो शायद फिर से तुम पर पहले सा ऐतबार ना कर सकू।
क्षमा मित्र , 🙏🙏 मेरी इस व्यथा के चक्कर मै कही तुम्हारी शुभकामनाओं सिलसिला बाधित ना हो जाये, तो मेरी तरफ से भी बहुत बहुत शुभकामनाएं, शुभकामनाएं।
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अब मेरी हर बात तुम ही लेके सीएम को सुनाते थे तो आज ये शुभकामनाए भी मेरी और से सीएम सर को मेरा शोषण करने के लिए उन्हें भेज देना।
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आम संविदा
राशी राठौर देवास
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