छटा वेतन ,तुम्हे बधाई
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दूध वाला
मांगे रोज
करे किराना
हमरी खोज
बदली गलियां
शामत आई
छटा वेतन
तुम्हे बधाई !
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पान पत्ता
मुँह है लाल
आफत ज़िन्दगी
पतली दाल
सपना हो गई
रस मलाई
नहीं बनाता
बाल नाई
छटा वेतन
तुम्हे बधाई !
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पत्नी रोज
आँख दिखाए
मास्टर हो गया
कुछ न पाए
बच्चे भूखे
क्या खिलाऊँ
सब्जी नहीं
तेरा सिर पकाऊँ
बदलेगी अब
दशा भाई
छटा वेतन
तुम्हे बधाई !
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लिखी हुण्डी
कर्जा हो गया
कैसे चुकाऊँ
खर्चा हो गया
चकरी चक्कर
खुद हो गया
मूल से ज्यादा
सूद हो गया
अब पटेगी
लंबी खाई
छटा वेतन
तुम्हें बधाई !
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खूब कटी है
आटा दाल
जिसने चाहा
किया हलाल
हम थे शिक्षक
सस्ते वाले
सीधे सादे
रस्ते वाले
अब तो माल
मिलेगा भाई
छटा वेतन
तुम्हे बधाई !
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जीवन अब तक
रहा गमगीन
मज़बूरी में
काटे दिन
व्यर्थ बजी
हमारी बिन
देखे नहीं
अच्छे सिन
बच्चा पढे
चौथी कक्षा
पैसा अब तक
मांगे दाई
छटा वेतन
तुम्हें बधाई !
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हलवा पूरी
आज बना लो
नाचो कूदो
गाना गा लो
अब तो थोडा
जश्न मना लो
नए साल का
तोहफा भाई
छटा वेतन
तुम्हे बधाई !
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