साथियों आज ६वे वेतनमान का सपना पूर्ण हुआ! पर अभी भी सबके मन मे संदेह बना हुआ है कि क्या आदेश फिर विसंगति पूर्ण तो नही होगा? क्या इस आदेश से सभी विसंगतियॉ दूर होगी?
यह तो शायद आदेश आने के बाद ही स्पष्ट होगा!
परन्तु अभी भी हमारी प्रमुख मॉग "शिक्षा विभाग मे संविलियन" बाकी है , और सभी साथियों एवं सभी संघों के पदाधिकारियों से अनुरोध है कि वह इस संवंध मे विचार करे एवं सतत् प्रयासरत बने रहे !
ऑन्दोलन अभी पूर्ण सफल नही हुआ क्योकि एक मॉग पूरी होना ही सफलता नही लेकिन आजाद के लिए यह सफलता जरूरी थी क्योकि हर संघ ने बार बार ऑन्दोलन पर प्रश्न चिन्ह लगाये कि आपने अब तक क्या दिलाया ?
सभी संघों का भी आभार की उन्हौने समय पर एकता दिखलाई और परिणाम सर्वविदित है !
इस सफलता का पूर्ण श्रेय आजाद को जाता है क्योकि उसने ही सबको जगाया और जो २०१७ मे प्राप्त होना था वह २०१६ मे ही प्राप्त हुआ !
इसका यह मतलब बिल्कुल भी नही कि अन्य संघों के प्रयास को नकार दिया जाये !
सबने प्रयास किये सब बधाई के पात्र है!
अभी तक बहुत समस्याऐ जस की तस बनी हुई है ,
संविदा ,गुरू जी, स्थानातरण आदि समस्याऐ अभी भी बनी हुई है इनका भी शीघ्र निदान होना आवश्यक है ,तभी इस कामयाबी मे चार चॉद लगेगें!
कुछ संविदा वालो कि और कुछ अध्यापको की एवं कुछ गुरूजियो की टिप्पणियो ने आहत किया !
अपने आप के हित के लिए किसी दूसरे पर दोषारोपण करना सर्वथा गलत है !
बात करे शोषण की तो गुरू जी ,संविदा का शोषण आज भी जारी है !
यह कहॉ का न्याय है कि जेल मे रह रहे एक मुजरिम को महीने मे कार्य करने के ३३०० रू और एक भविष्य निर्माता का कार्य करने वाले को ५०००;७०००;९००० यह शोषण नही तो क्या है?
कुछ बडो का कहना है कि उनहौने भी शोषण सहा है किसी ने १७ वर्षो तक तो किसी ने कम , लेकिन इसमे संविदा वालो का क्या दोष है , हमे आपके दर्द का एहसास है !
पर यह कहॉ तक उचित है कि यदि परिवार मे बडो का शोषण हुआ है तो बडे भी अपने अनुजो को यह कह दे कि हमने सहा है आप भी सहो ?
या हमारे दर्द के आगे तुम्हारा दर्द कुछ भी नही ?
यह कतई जायज नही कि हमने जो सहा वही सब सहने के लिए हम अपने अनुजो या अपने बच्चो को कह दे या सहने के लिए छोड दे !
यह तो अमानवीय है !
अवधि कम होना मायने नही रखता न ही मै इसके पक्ष मे हु यह तो वही बात होगी कि मेरा हाथ न कॉट के मेरी दो ऊँगुलियॉ कॉट लो !
जब rte के तहत नियुक्ति हुई है हम सब हर शर्त पूर्ण कर रहे है तो अवधि किस कारण ?
यह कल्चर ही समाप्त होना चाहिए !
यह जबाव भी तर्क संगत नही लगता कि आपभी कल अध्यापक बनेगें?
कृपया इन बातो पर गौर किया जाना चाहिए !
S.R.Vishvkarma
Dist--Sagar
No comments:
Post a Comment