इस आंदोलन का आगाज़ से अंजाम सिर्फ आज़ाद
कहाँ है सदी के वो महान दार्शनिक जो आज़ाद अध्यापक संघ के आंदोलन शुरू करने के पहले कुम्भकर्ण की नींद सोये थे।आजाद रथ को टेम्पु कहकर संबोधित करते थे।और वो लोग जो आंदोलन में शामिल होने की बजाय घर बैठे फेसबुक और व्हाट्सऐप पर ज्ञान की गंगा बहा रहे थे।ये वो लोग है जो खुद तो कुछ नहीं करते और नकारात्मक बाते करके अन्य लोगो को भी हतोत्साहित करते है।और राजनीती और पद की भूख तो देखो आंदोलन सफल होता देखकर कितने नेताओ का जन्म हो गया।और कुछ कबाडी नेताओं ने तो पुनर्जन्म भी ले लिया।
उम्मीद है शर्म तो आएगी नहीं इन लोगो को......और अब अपना चेहरा चमकाने मे लगे हुए है नीचता की हर हद पार करके ......एक महाशय तो c.m.house सम्मान समारोह मे बिना बुलाए मंच पर बैठने के लिए पहुँच गये ......इन लोगो की असलियत अब प्रदेश के सभी अध्यापको के सामने है! यह लोग कभी किसी संघ मे तो कभी किसी संघ मे पहुँच जाते है क्योंकि यह लोग सिर्फ राजनीति और पद के भूखे है इन्हे अध्यापक हित से कोई सरोकार नही है! !
आप का साथी
किशोर गुर्जर
मो.9584015237
आजाद अध्यापक संघ
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