आओ ट्वीट करें टीम का अध्यापक हित मे एक छोटा सा प्रयास।
*सर्वे करने से पूर्व निम्न बाते याद रखे*
शाला में नामांकन की कमी उपरोक्त समस्या पूर्ण रूप से जमीन से जुड़ी हुई है जो कि जमीनी प्रयास से ही हल होनी थी परंतु पिछले 4 वर्षों से हम स्वयं 25% के मान से निजी शालाओ में अपने स्थानीय बच्चो का एडमिशन ड्यूटी के चलते करते आये है परंतु हम सभी इस कार्य के पीछे छुपी ias लाबी की प्लानिंग समझ नही सके जो आज 60000 अतिशेष के रूप में हमारे सामने है।
इस समस्या को सरकारी आदेश व ड्यूटी के माध्यम से हम पोषित कर चुके है और आने वाले 4 साल में जो साथी आज अतिशेष नहीं है वो भी सड़क पर आ जाएंगे।
कुछ महत्वपूर्ण सुधार जो आगामी स्तिथि सुधार सकते है--
1,100% सर्वे पूर्ण ईमानदारी से किया जाए जिसमे ये न देखा जाए की अन्य साथी क्या कर रहे है हम अपना 100% सुनिश्चित करें व अन्य को भी मोटिवेट करें सदैव दूसरे साथीयो को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी से ना भागे बल्कि ये सोचे कि हम क्या कर सकते है चाहे तो सभी साथीयो को मोटिवेट करे कार्य व सुधार भी होंगे।
2, सर्वे करते समय सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी हमारे साथीयो द्वारा नही दी जाती जबकि यही हमारा प्लस पॉइंट है कि हम अपनी शाला में निजी शाला से कई गुना अच्छी सुविधाएं बच्चो को प्रदान करते है।
3, शाला विकास मद से आज तक किसी स्कूल ने कोई बड़ा बेनर बनाकर जिसमे दी जाने वाली सुविधाएं हो व कार्यरत स्टाफ डिग्री डिप्लोमा होल्डर है कि जानकारी सार्वजनिक नहीं की जिस से ग्राम के लोग बेनर को देखकर एडमिशन करवाये जबकि हमे ग्राम के हर वार्ड में एक एक बेनर लागाना चाहिए।
4, सोशल मीडिया पर चार लाइन लिखने से प्रवेश संभव नही है क्योंकि हम सभी ऐसे स्थानों पर कार्य कर रहे है जहां के 60% लोग फेसबुक नही जानते और न ही नेटवर्क मिलते है अतः हमें सोशल मीडिया को नजरअंदाज कर जमीनी प्रयास को चुनना होगा।
5, प्रत्येक स्कूल अपने पूरे ग्राम में जितने वार्ड है या तो किसी मद राशि से या सभी चंदा करके निम्नलिखित बातो को लिखकर बेनर अवश्य बनवाये और हर वार्ड में लगवाए आपको अंतर समझ आ जायेगा
बेनर में निम्नलिखित बाते लिखे
1,स्कूल का नाम
2,संकुल का नाम
3,जनशिक्ष केंद्र का नाम
4,स्कूल का डाइस कोड
5,दी जाने वाली सुविधाओं के नाम
6,डिप्लोमा डिग्री होल्डर स्टाफ के नाम
7,एडमिशन ओपन टेग
8,स्कूल का पता।
6,शिक्षक या अध्यापक कदापि ये न कहे कि वो बेहतर शिक्षा प्रदान करेंगे क्योंकि हर अध्यापक व शिक्षक अपना 100% बेहतर ही देता है बाकी पालको से संपर्क कर हर अध्यापक व शिक्षक दी जाने वाली सुविधाओं का उल्लेख अवश्य करे।
7,बेहतर होगा कि सर्वे के साथ हर माता पिता को स्कूली सुविधाओ के पम्पलेट्स वितरण भी किया जाए अथवा मौखिक सुविधाओ का वाचन हो निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली मोटी रकम, महंगी पुस्तके, ड्रेस मटेरियल, अन्य एक्टिविटी राशियों का एवं अतिखर्चीली व्यवस्थाओं का बखान करें व ये स्पष्ट करें कि सरकार मात्र ट्यूशन फीस देकर पल्ला झाड़ लेगी बाकी खर्च आपको ही वहन करने होंगे जो कि प्रतिवर्ष स्कूल की स्तिथि अनुसार हजारो में होंगे।
8, सम्भव हो तो दस पंद्रह घरों के लोगो को एक साथ बैठाकर सुविधाओ का व उपलब्धता का वाचन किया जाए।
9,अपनी ग्राम सीमा में प्रतिनिधियों से सम्पर्क बढ़ाकर दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देकर ग्राम सीमा में निजी शालाओ का संचालन पूर्ण रूप से बंद करवाया जाए या किसी नवीन शाला को खुलने से रोका जाए। जो कि आपके द्वारा स्थानीय प्रतिनिधियों से संपर्क में रहने से ही संभव होगा जब शाला ही नही होगी तो 25% एडमिशन नही होंगे।
उपरोक्त तथ्यों का इस वर्ष से आप सभी शिक्षक/अध्यापक अनुसरण करें व अपने व अपने छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाये यदि आज आपने उक्त प्रयास नहीं किये तो बहुत देर हो चुकी होगी।
*आरिफ खान*
*#mpadhyapak*
*मो. नं.-9575659551*
*7354348868*
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